लाखों बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर देशभर में काम छोड़ सडक़ों पर प्रदर्शन करने पर होंगे मजबूर – सुभाष लांबा, ईईएफआई उपाध्यक्ष।
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फरीदाबाद, 6 अगस्त (अरुण शर्मा)। केन्द्र सरकार ने हितधारकों से विमर्श किए बिना एकतरफा ढंग से इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 संसद में पेश किया तो लाखों बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर देशभर में काम छोड़ सडक़ों पर प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। यह जानकारी इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने शनिवार को आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन की यूनियन कार्यालय में आयोजित सर्कल कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि किसान, गरीब उपभोक्ता व कर्मचारी विरोधी और कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए चालू सत्र में पेश किए जाने वाले बिजली अमेंडमेंट बिल 2022 के खिलाफ 10 अगस्त को देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों व कर्मचारियों के तीखे विरोध के बावजूद कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किए गए बिजली संशोधन बिल के के खिलाफ जनमत तैयार करने के लिए देश के चारों कोनों से नवम्बर महीने में (पावर सेक्टर बचाओ-देश बचाओ के नारे के साथ बिजली क्रांति यात्रा शुरू की जाएगी), यात्रा दिसंबर के प्रथम सप्ताह में दिल्ली पहुंचेगी और दिल्ली में विशाल रैली आयोजित की जाएगी।
सर्कल कार्यकारिणी की बैठक में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में 13 अगस्त को बिजली मंत्री के सिरसा ऑफिस पर राज्य स्तरीय प्रदर्शन में बढ़ चढक़र शामिल होने का फैसला लिया गया। इसकी तैयारियों को लेकर सभी सब डिवीजनों में जन संपर्क अभियान चलाने का फैसला लिया गया। एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी ने बताया कि बिजली मंत्री के सिरसा आफिस पर प्रदर्शन कौशल रोजगार निगम को भंग करने, ठेका प्रथा समाप्त कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मियों को पक्का करने, तब तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, पुरानी पेंशन बहाली करने, खाली पड़े पदों को भरने, आवश्यक संसाधन व मेन पावर के बिना लागू किए जा रहे आरटीएस पर रोक लगाने, एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर इसे ठेका कर्मियों पर लागू करने आदि मांगों को लेकर किया जा रहा है। सर्कल सचिव कृष्ण कुमार व राम चरण की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बल्लभगढ़, ग्रेटर, एनआईटी व ओल्ड फरीदाबाद यूनिट का पदाधिकारी भूप सिंह, करतार सिंह, रामकेश, सुरेंद्र शर्मा, देवेंद्र त्यागी, वेद प्रकाश, संजय धनगईया, सतीश कुमार बदरौला, जसराम छांयसा, अशोक कुमार, सुरेंद्र खटकर आदि मौजूद थे।
बिजली गरीब व किसान की पहुंच से बाहर होगी।
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि बिजली अमेंडमेंट बिल 2022 पारित होने पर बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी और क्रॉस सब्सिडी समाप्त की जानी है जिसका दुष्परिणाम यह होगा कि 7.5 हॉर्स पावर का पंपिंग सेट प्रयोग करने वाले आम किसान को मात्र 6 घंटे पंपिंग सेट चलाने पर 10000 रुपये से अधिक का महीने में भुगतान करना होगा। गरीबी रेखा के नीचे और आम घरेलू उपभोक्ताओं पर भी बहुत महंगी बिजली की चोट पड़ेगी। उन्होंने कहा कि बिजली की दरों में वृद्धि होगी और बिजली 9.10 रुपए प्रति यूनिट होगी।
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