फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (FMDA) की 15वीं कोर प्लानिंग सेल की बैठक आयोजित।

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फरीदाबाद, 22 सितम्बर (अरुण शर्मा)। फरीदाबाद के विभिन्न सरकारी विभागों के साथ पिछले सप्ताह हुई समन्वय बैठक में ए्रफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए थे कि शहर में रासायनिक अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी) की स्थापना के अध्ययन का काम, जो फरीदाबाद नगर निगम द्वारा भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम वैपकॉस को सौंपा गया है, सीपीसी की बैठक में प्रस्तुत किया जाए। इसी क्रम में फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एफएमडीए) की 15वीं कोर प्लानिंग सेल बैठक, एफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें वाप्कोस द्वारा बनाई जा रहा सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना पर एक प्रस्तुति एफएमडीए, एमसीएफ, एचएसवीपी और एचएसआईआईडीसी के संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत की गई, जिन्होंने फरीदाबाद में व्यापक सीवरेज प्रणाली विश्लेषण पर चर्चा करने के लिए बैठक में भाग लिया।
वाप्कोस द्वारा 25000 उद्योगों में उनके औद्योगिक निर्वहन की क्षमता का अध्ययन करने के लिए एक सर्वेक्षण किया गया था। इसके अलावा उनके औद्योगिक डिस्चार्ज के नमूने एकत्र किए गए और आईआईटी रूडक़ी द्वारा अध्ययन किया गया। निष्कर्र्षों और महत्वपूर्ण मापदंडों के आधार पर शहर की सीवरेज प्रणाली को मजबूत करने और निर्माण की संभावित आवश्यकता को समझने के लिए एक प्रारूप तैयार किया गया और प्रस्तुत किया गया। घरेलू और रासायनिक निर्वहन को अलग करने, इन उद्योगों द्वारा अनुमानित निर्वहन की क्षमताए इन अपशिष्टों के उपचार के लिए रासायनिक अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी) की स्थापना, भूमि के आवंटन, परिचालन लागत आदि संबंधित पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
एफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने कहा कि फरीदाबाद में सीईटीपी (रसायन अपशिष्ट उपचार संयंत्र) की स्थापना को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। क्योंकि उद्योगों से अनुपचारित अपशिष्ट जल का निर्वहन शहर में नालियों को और अधिक प्रदूषित कर रहा है। इन उद्योगों द्वारा घरेलू और रासायनिक निर्वहन के उपचार के लिए प्रतापगढ़ में 50 एमएलडी सीईटीपी, मिर्जापुर में 25 एमएलडी सीईटीपी और बादशाहपुर में 15 एमएलडी सीईटीपी का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न कॉलोनियों में शहर भर के विभिन्न नालों में अपना कचरा और अनुपचारित सीवरेज की डंपिंग भी की जा रही है, जिसके लिए चार सीवरेज शोधन संयंत्रों का भी प्रस्ताव किया गया है। हम फरीदाबाद की सीवर लाइनों को चरणबद्ध तरीके से गादमुक्त बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। उन्नत क्षेत्रों में सीवर लाइन बिछाने की भी योजना है। इसके अतिरिक्त उपचार के लिए एसटीपी में सीवर के सुचारू प्रवाह की सुविधा के लिए इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन मशीनरी को अपग्रेड और रीमॉडल किया जाएगा। अनुपचारित सीवर के प्रवाह को रोकने के लिए बुढिय़ा नाला, मावई नाला, गौंछी नाला और मोहना नाले में सीवरेज प्रस्तावित किया गया है।
एफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि एफएमडीए द्वारा एसटीपी से जुड़ी 2 फीट व्यास और उससे अधिक की सीवर लाइनों को अपने क्षेत्र में लेने के लिए की व्यवहार्यता की जांच के लिए एक सर्वेक्षण किया जाए। अधिकारियों को सभी पहलुओं का अध्ययन करने और इन सीवर लाइनों की लेआउट की ड्राइंग तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
कोर प्लानिंग सेल की बैठक में जवाहर कॉलोनी में मौजूद परशुराम बूस्टिंग स्टेशन (एसबीएस) के पुनर्वास को एफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा मंजूरी दी गई ताकी एयरफोर्स स्टेशन के नजदीकी क्षेत्र में आते संबंधित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है और एमसीएफ को प्राथमिकता के आधार पर इस पर विचार करना है और पंपिंग स्टेशन के उन्नयन में आवश्यक कार्रवाई करनी है। उन्होंने यह भी कहा कि पानी की आपूर्ति विफल होने के कारण आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए रैनीवैल में पीएससी जलापूर्ति पाइपलाइनों में रिसाव को दूर करने के लिए आवश्यक खरीद की जानी चाहिए।
बैठक में नगर निगम आयुक्त जितेन्द्र कुमार, एफएमडीए के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रशासक एचएसवीपी गरिमा मित्तल, नगर निगम फरीदाबाद और एफएमडीए के मुख्य अभियंता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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