फिल्म फेस्टिवल मुंबई में छाई दादा लखमी फिल्म, दर्शकों की तालियों से गूंज उठा हॉल। – Republic Hindustan News

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फिल्म फेस्टिवल मुंबई में छाई दादा लखमी फिल्म, दर्शकों की तालियों से गूंज उठा हॉल।

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डॉ तबस्सुम जहां।

मुंबई।

      बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल सीज़न 3 का सफ़ल समापन 18 दिसंबर को हुआ। 17-18 दिसंबर को हुए इस दो दिवसीय आयोजन में देश-विदेश से आईं अनेक शख्सियतें जुड़ीं। फेस्टिवल में जहाँ देश विदेश की बेहतरीन फ़िल्में, शॉर्ट फ़िल्म व डॉक्युमेंट्रीज़ दिखायी गईं वहीं इस मंच से फ़िल्म जगत की अनेक महान हस्तियों से रूबरू होने का अवसर भी प्राप्त हुआ। बता दें कि बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल दो साल से लगातार सफलता की ऊंचाइयों को छू रहा है। बॉलीवुड एक्टर यशपाल शर्मा एवं बॉलीवुड एक्टर, डायरेक्टर प्रतिभा शर्मा इसकी संस्थापक हैं जिन्होंने प्रथम लॉकडाउन में इस मंच की स्थापना की थी। दो सालों से अनवरत ऑनलाइन होने वाले इस फेस्टिवल का संचालन इस बार मुंबई के ओशिवारा हारमनी मॉल अंधेरी में हुआ।

गत शनिवार को बॉलीवुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का पहला दिन बहुत कामयाब रहा। इस बार सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि दोनों दिन दिखाई जाने वाली लगभग सभी फिल्में सामाजिक मुद्दों पर आधारित थीं। इतना ही नहीं, इन फिल्मों द्वारा दर्शकों को फ़िल्म निर्माण से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं को जानने व समझने का अवसर भी मिला। यशपाल शर्मा तथा प्रतिभा शर्मा ने बताया कि आज के कमर्शियल दौर में बॉलीवुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का एक ही उद्देश्य है कि दर्शकों तक ज़्यादा से ज़्यादा स्तरीय व बेहतरीन फ़िल्मे पहुँचाएं और दो दिन चलने वाले इस तीसरे सेशन में बिफ़्फ़ ने यह अभूतपूर्व सफल प्रयास करके दिखाया।

बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के पहले दिन का आग़ाज़ बहुत ही शानदार रहा। सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक दिखाई जाने वाली फिल्मों ने दर्शकों को बांधे रखा। फ़िल्मों का आगाज़ बहुत ही प्यारी और खूबसूरत सामाजिक फ़िल्म ‘मौर्या’ से हुआ।
पहले दिन दिखाई जाने वाली फिल्मों में शामिल रहीं इंडिया से जितेंद्र पुंडालिक बेर्डे की सामाजिक फ़िल्म मौर्या, मेक्सिको से एलिज़ाबेथ मार्लो की मोबाइल फ़िल्म ‘टाइम’, इंडिया से संजीव राजसिंह परमार की लॉन्ग शॉर्ट हिंदी फ़िल्म ‘फीस्ट फ़ॉर बेंडिट’, इंडिया से ही डायरेक्टर अक्षय गौरी की लॉन्ग शार्ट फ़िल्म ‘बी होल्डन’ को दिखाया गया।
लंच के बाद डाक्यूमेंट्री पर आधारित मास्टर क्लास में ‘संस्कार देसाई’ से बिफ्फ की चेयरपर्सन एक्टर डायरेक्टर ‘प्रतिभा शर्मा’ ने बातचीत की। इस महत्वपूर्ण बातचीत से दर्शकों को काफ़ी कुछ सीखने को मिला। उन्होंने बताया कि डॉक्युमेंट्रीज़ बनाना आज के तकनीकी युग मे एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम है। कम संसाधनों के चलते भी एक अच्छे कथानक को लेकर रोचक डॉक्यूमेंट्री बनायी जा सकती है। उन्होंने डाक्यूमेंट्री में क्राफ़्ट की महत्ता पर प्रकाश डाला और बताया कि डाक्यूमेंट्री बनाने के लिए एक अच्छे क्राफ़्ट की आवश्यकता है। मास्टर क्लास के दौरान अनेक लोगों ने विषय से संबंधित प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासा शांत की। मास्टर क्लास के बाद का समय डाक्यूमेंट्रीज़ के नाम रहा और देश विदेश की चुनिंदा डाक्यूमेंट्री दिखाई गईं। जिसके अंतर्गत एना बोलमार्क की लॉन्ग शार्ट डाक्यूमेंट्री ‘बिग सोशल नोमाड’ फॉरेन से मॉरिस मिकाल्फ़ की डाक्यूमेंट्री ‘द फनीशियंस’ दिखाई गई। डाक्यूमेंट्री के बाद फीचर फिल्म का पुनः सिलसिला शुरु हुआ जिसमें इंडिया से शिरीष खेमरिया की हिंदी फीचर फ़िल्म ‘हू एम आई’, स्विट्ज़रलैंड से डायरेक्टर यू वी शवार्ज़वाल्डर की ‘द रेडिक्लज़ेशन ऑफ जैफ बॉयड’ दिखाई गई। स्विट्जरलैंड से ही बेलोप्रोपेलो की एनिमेशन शार्ट फ़िल्म ‘द गेम गॉट जस्ट रियल’, इंडिया से डायेरक्टर अनुज भारद्वाज की हिंदी शॉर्ट फिल्म ‘एक अच्छी नौकरी’ तथा इंडिया से ही लक्ष्मी आर अय्यर की शॉट फ़िल्म ‘द फर्स्ट सेकिंड चांस’ शार्ट फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया।

दूसरे दिन का बेहतरीन आग़ाज़ एक बहुत ही प्यारी हिंदी फीचर फ़िल्म ‘गुठली लड्डू’ से हुआ उसके बाद हिंदी शॉर्ट फ़िल्म ‘डुग्गी’ दिखाई गई। शार्ट फ़िल्म कैटेगरी में ही ‘यू चेंज मी’, ‘मीट मिस्टर चैंग’ दिखाई गई। लंच ब्रेक के बाद इंडिया से ‘आशीष नेहरा’ की हिंदी फीचर फ़िल्म ‘पिंजरे की तितलियां’ का प्रस्तुतिकरण किया गया। इस साल की सबसे ख़ास उपलब्धि रही 68 से ज़्यादा नेशनल इंटरनेशनल अवार्ड जीत चुकी ‘दादा लख्मी’ फ़िल्म जिसने दर्शकों का मन मोह लिया। जहाँ एक तरफ़ दर्शकों की आँखे नम थीं वहीं दूसरी ओर पूरा हॉल उनकी तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। दादा लख्मी फ़िल्म के बाद इस साल की बेहतरीन फ़िल्म कैटेगरी को अवार्ड दिया गया। पर उसके पहले दादा लख्मी फ़िल्म को मनमोहक संगीत से सजाने वाले बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध संगीतकार उत्तम सिंह जी ने दादा लख्मी का गीत ‘चलो उस देस’ सुना कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में आगे उत्तम सिंह, मनीष शिर्के, मीनाक्षी पांचाल, सन्नी सिंह, सुमित्रा हुड्डा, रामपाल बल्हारा राजेश बब्बर, प्रवेश राजपूत, मनीष जोशी, कुणाल कुमरावत, मास्टर प्रणय, लक्ष्मी सिंह जैसी सिनेमा जगत से जुड़ी महान हस्तियों को सम्मानित किया गया। सम्मान प्रक्रिया के बाद बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के मंच से बेस्ट फ़िल्म कैटेगरी की घोषणा का सिलसिला शुरु हुआ। बेस्ट एनिमेशन फ़िल्म के लिए फ़िल्म के डायरेक्टर बेलोप्रोपेलो, बेस्ट मोबाइल फ़िल्म के लिए उनके डायरेक्टर ‘एलिज़ाबेथ मार्लो’ को अवार्ड दिया गया। बेस्ट डाक्यूमेंट्री की कैटेगरी के लिए फॉरेन की ‘मॉरिस मिकाल्फ़’ को ‘द फनीशियन्स’ तथा इंडिया से एना बोलमार्क की ‘बिग सोशल नोमाड’ को अवार्ड मिला। वेबसीरीज़ का खास अवॉर्ड ‘मेरे यार की शादी’ की शादी के नाम गया। जिसके लिए उसके डायरेक्टर सत्येंद्र सत्या सहरावत के नाम की घोषणा की गई।
बेस्ट शॉर्ट फिल्म की कैटेगरी के लिए ‘अक्षय गौरी’ को उनकी शॉर्ट फ़िल्म ‘बी होल्डन’ के लिए अवार्ड दिया गया। शॉर्ट फ़िल्म बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड ‘लक्ष्मी आर अय्यर’ को उनकी फ़िल्म फीस्ट ऑफ बैंडिट’ के लिए मिला। शॉर्ट फ़िल्म के लिए ही बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड ‘बी होल्डन’ की एक्ट्रेस ‘दीक्षा जुनेजा’ को दिया गया और बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड ‘अंनत महादेवन’ ने फ़िल्म ‘फर्स्ट सैकिंड चाँस’ के लिए जीता। बेस्ट सिनेमेटोग्राफी कैटेगरी का अवार्ड ‘फीस्ट ऑफ बैंडिट’ नागराज एम डी को मिला।
अंत मे बेस्ट फीचर फ़िल्म के विजेताओं की घोषणाओं हुई जिसके अंतर्गत बेस्ट स्टोरी अवार्ड इंडिया की ‘मौर्या’ फ़िल्म के लिए उनके डायरेक्टर ‘जितेंद्र पुंडालिक बेर्डे’ को मिला। बेस्ट चाईल्ड एक्ट्रेस के लिए ‘द स्पैरो’ की बाल कलाकार ‘दुआ फ़ातिमा’ तथा बेस्ट चाइल्ड कैटेगरी में एक्टर के लिए ‘गुठली लड्डू’ फ़िल्म के बाल कलाकार धनंजय सेठ को अवार्ड दिया गया। बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर फीमेल कैटेगरी में ‘पिंजरे की तितलियाँ’ फ़िल्म की नायिका ‘रुचिता’ के नाम की घोषणा की गई तो वहीं बेस्ट सपोर्टिंग मेल कैटेगरी में ‘सुब्रतो दत्ता’ को फ़िल्म गुठली लड्डू के लिए अवार्ड दिया गया। बेस्ट एक्टर फीमेल का अवार्ड ‘ऋषिका चांदनी’ को उनकी फ़िल्म ‘हू एम आई’ तथा मेल कैटेगरी में ‘नीलेश उपाध्याय’ ने फ़िल्म ‘बनी’ के लिए जीता। बेस्ट फ़िल्म का सबसे महत्वपूर्ण अवार्ड इशरत आर खान को उनकी फ़िल्म ‘गुठली लड्डू’ के लिए दिया गया। फाउंडर च्वॉइस अवार्ड मौर्या फ़िल्म के नायक जितेंद्र पुंडालिक की झोली में गया। वहीं इस साल का बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का लाईफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड बचन पचेरा और आशा पारिख जी को सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया।
अवार्ड के दौरान ही बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के सभी सदस्यों प्रतिभा शर्मा, डॉ तबस्सुम जहां, डॉ अल्पना सुहासिनी, समीर चौधरी, सुनील बेनीवाल, विशाल, पूजा, प्रतिभा फड़के, मीनाक्षी, दलबीर सिंह बंजारा तथा पूजा , राजेश को बिफ़्फ़ में दिए गए उनके बेहतर योगदान तथा सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान यशपाल शर्मा प्रतिभा शर्मा तथा सुमित्रा हुड्डा के हाथों दिया गया। इस दौरान समारोह में उपस्थित दादा लख्मी फ़िल्म से जुड़ी हस्तियां हितेश शर्मा, योगेश वत्स, मुकेश मुसाफिर, राहुल तिवारी, मोनिका डावर, राकेश कुमार, तथा अन्य लोगों को सम्मानित किया गया।
दो दिन चले इस फेस्टिवल का लाजवाब संचालन बिफ़्फ़ की एंकर ‘डॉ अल्पना सुहासिनी तथा ‘समीर चौधरी’ ने किया। अवार्ड फंक्शन के दौरान मीनाक्षी पांचाल के स्वर में दादा लख्मी के गीतों ने लोगों को भावविभोर कर दिया वहीं युवा दादा लख्मी हितेश शर्मा ने अपने डांस की बेहतरीन परफॉर्मेंस से दर्शकों को अपने साथ थिरकने पर मजबूर कर दिया। हरियाणवी कलाकार सोनिया ने अपने हरियाणवी डांस से फेस्टिवल में चार चाँद लगा दिए बॉलीवुड इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के दो दिन चले इस आयोजन में दर्शकों का उत्साह देखते ही बना। फेस्टिवल की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हॉल हाउसफ़ुल होने के बावजूद भी जिसको जहाँ जगह मिली वे वहीं बैठकर फ़िल्मो का आनंद लेता रहा।

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