किडनी ट्रांसप्लांट कराने और कागजी कार्रवाई पूरी करने के नाम पर 15.20 लाख रुपए हड़पे।
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फरीदाबाद, 31 मई (अरुण शर्मा)। फरीदाबाद में किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर बड़ा खेल चल रहा है। अभी पिछले दिनों ओल्ड फरीदाबाद स्थित एक निजी अस्पताल में पलवल की एक महिला के पति को सरकारी नौकरी देने का झांसा देकर उसकी किडनी निकालकर दूसरे को ट्रांसप्लांट कर दी गई। ये मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि सेक्टर-8 स्थित एक निजी अस्पताल का कर्मचारी एक व्यक्ति का किडनी ट्रांसप्लांट कराने और लीगल डोनर तलाश कर कागजी कार्रवाई पूरी करने के नाम पर 15.20 लाख रुपए हड़प लिए। लेकिन पीडि़त की किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पायी। परेशान व्यक्ति ने अस्पताल कर्मचारी और प्रबंधन पर मिलीभगत कर ठगी कराने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पीडि़त मूलरूप से दिल्ली के गुरु अर्जुन नगर, वेस्ट पटेल नगर के रहने वाले हैं। ईलाज कराने के चलते वह ग्रीन फील्ड कॉलोनी में रहते हैं। उधर अस्पताल के जन संपर्क अधिकारी नवीन कौशिक ने दीपक शर्मा नामक किसी भी व्यक्ति के अस्पताल में कार्यरत होने की बात से इंकार किया है।
पीडि़त की हो चुकी है दोनों किडऩी फेल
नई दिल्ली के वेस्ट पटेल नगर निवासी नरसिंह ने सूरज कुण्ड पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उनकी दोनों किडनी फेल हो चुकी है। दिसम्बर 2021 से वह एशियन अस्पताल से अपना डायलिसिस करा रहे हैं। यहां के डॉक्टर ने सलाह दी कि मुझे ओर्गेन डोनेशन के लिए खोजबीन करनी चाहिए। मैंने व मेरे परिवार ने काफी खोजबीन की परन्तु निराशा हाथ लगी। मेरा बेटा शुभम सिंह मुझे किडनी डोनेट करने के लिए तैयार हो गया।
पीडि़त ने पुलिस को बताया कि एशियन अस्पताल में टेक्निशियन के पद पर काम करने वाले अखिल ने हमें दीपक शर्मा नाम के व्यक्ति के बारे में बताया। दीपक मेरे परिवार से मिलने घर पर आया। उसने बताया कि वह सर्वोदय अस्पताल सेक्टर-8 में काम करते हैं। आरोपी ने अपना आईकार्ड दिखाते हुए सर्वोदय अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट कराने का सुझाव दिया। वह कहने लगा कि मेरे अस्पताल से किडनी ट्रांसप्लांट कराने का खर्चा करीब 700000 पड़ेगा। इसके लिए पीडि़त तैयार हो गया। मंै ट्रांसपलाट की सर्जरी के लिए तैयार हो गया।
किसी न किसी बहाने वसूलता रहा पैसा
पीडि़त ने बताया कि आरोपी दीपक ने वर्ष 2022 में कई चरणों में छह लाख रुपए ले चुका था। उसी दौरान दीपक शर्मा पीडि़त के पास आया और बताया कि उसने लीगल डोनर का इन्तजाम कर लिया है। उस पर विश्वास होने की वजह से पीडि़त उसकी बातों में आ गया। उसने बोला आप अपने बेटे का भी टेस्ट करा लेना। अगर मैच ना हुआ तो बेटा दे देगा। इस काम के लिए दीपक शर्मा ने मुझसे 1500000 रुपए मांगे। आरोपी के कहे अनुसार टेस्ट के लिए 35500 रुपए 31 अगस्त 2022 को जमा करा दिये। इसके बाद एक सितंबर 2022 को 400000 रुपए दीपक शर्मा को दे दिये। दीपक ने उस दौरान मेरी मुलाकात डाक्टर कल्यान सचिन से कराई। इन लोगों ने मुझे विश्वास दिलाया कि ये ट्रांसप्लांट लीगल है। दीपक शर्मा ने मुझ से फिर 300000 रुपए मांगे। तीन सितंबर 2022 को पैसे दिये। जब भी उसे पैसे अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए बोलता तो मुझे कहता कि पैसे नकद दो, तो पीडि़त अपने अकाउंट से या अपने परिवार के सदस्यों के अकाउंट से निकाल कर देता था। 6 सितंबर 2022 को मेरे बेटे के टेस्ट हुए तथा इसके लिए हमने 27500 की रकम अस्पताल में क्रेडिट कार्ड से ली गई। जब टेस्ट की रिपोर्ट हमें दी तो उस रिपोर्ट में नाम आकाश का था। जब पीडि़त ने पूछा तो उन्होंने बताया कि बेटे की रिपोर्ट आई नहीं है। ये लीगल डोनर की रिपोर्ट है। 06 सितंबर 2022 को दीपक शर्मा के कहने से गुगल पे पर 30000 रुपए बेटे के मोबाइल से पेमेंट की। फिर 13 सितंबर 2022 को दीपक ने 4740 रुपए अस्पताल में कार्ड के द्वारा दिलवायें तथा 200000 रुपए नकद भी लिए। 1 अक्टूबर 222 को 70000 रुपए दीपक ने गूगल पे पीडि़त के दामाद सौरभ शर्मा से लिए।
डॉक्टर के साथ मिलीभगत करके धोखाधड़ी का आरोप
पीडि़त का कहना है कि आरोपी दीपक शर्मा ने कई अन्य डाक्टरों से भी मुलाकात कराई तथा किडनी ट्रांसप्लांट की कार्यवाही पूरा करने का कहता रहा। फिर एक दिन इसने हमारे परिवार की फोटोग्राफ मांगी। 27 जनवरी 2023 को वह वापस मेरे दामाद सौरभ को व्हाटसअप किया जिसमें एक अन्य व्यक्ति भी इसने एड किया हुआ था। जिसे देखकर पीडि़त दंग रह गया। जब इस बारे में दीपक शर्मा से पूछा तो उसने कहा यह फोर्मलिटिज है। आप डरो नहीं, उस दिन एहसास हुआ कि दीपक शर्मा ने अपने जाल में फंसा लिया है। पीडि़त का आरोप है कि आरोपी दीपक शर्मा ने सर्वोदय अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ के साथ मिलकर उनसे 1520540 रुपए हड़प लिये है। अब पैसे मांगने पर जान से मारने की धमकी देता है। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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