दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को लेकर फरीदाबाद जिला की सभी बाधाएं दूर कर ली गई हैं – उपायुक्त विक्रम सिंह
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फरीदाबाद, 18 अप्रैल (अरुण शर्मा)। उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को लेकर फरीदाबाद जिला की सभी बाधाएं दूर कर ली गई हैं। विभिन्न विभागों की जमीन क्लियर करवाने सहित वन विभाग की बाधाओं को भी दूर कर लिया गया है। अगले छह महीने में हाईवे का कार्य भी लगभग पूरा कर लिया जाएगा। उपायुक्त विक्रम सिंह सोमवार को (सचिव कार्डिनेशन) कैबिनेट सचिवालय राष्ट्रपति भवन भारत सरकार द्वारा हरियाणा से संबंधित सड़ल, रेल संबंधित विकास योजनाओं की समीक्ष मीटिंग में जानकारी दे रहे थे।
उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए बदरपुर बार्डर से कैली तक हरियाणा सरकार द्वारा 70 मीटर जगह आरओडबल्यु (राइट ऑफ वे) के लिए एनएचएआई को फ्री दी जानी थी। इसमें ज्यादातर जगह एचएसवीपी की है जिसे एनएचएआई को सौंप दिया गया है। इसके साथ ही इस 70 मीटर कैरिज वे को पूरा करने में बदरपुर बार्डर से गुडगांव कैनाल बल्लभगढ़ तक 12.27 हेक्टेयर जमीन सिंचाई विभाग की है। इस जमीन को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया अनुमति के लिए प्रक्रियाधीन है। लेकिन इसके बावजूद हाईवे निर्माण पर कोई रोक नहीं रहेगी।
इसके साथ ही फरीदाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक बनने वाले एक्सप्रेस वे को लेकर भी उपायुक्त ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेस वे के लिए भी लगभग तैयार पूरी कर ली गई है और अधिकारी लगातार इस पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। मीटिंग में एक्सईएन सिंचाई विभाग वीरेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे।
मवई ड्रेन के यूपी सिंचाई विभाग के हिस्से की सफाई का कार्य पूरा
उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि जिला परिवेदना एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने मवई ड्रेन की सफाई की मुद्दा आया था। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ड्रेन की तुरंत सफाई का निर्देश दिया था।
उन्होंने बताया कि मवई ड्रेन के जरिए सेक्टर-16, 17, 21 व 28 सहित शहर के कई सेक्टरों व कालोनियों का पानी आगे जाकर बुढिय़ा नाले में गिरता है। इस ड्रेन में 4.1 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का है। नाले की सफाई के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फ्लड कंट्रोल बोर्ड की मीटिंग के बाद 77 लाख रुपए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को भी दिए थे। अब इस नाले की सफाई का कार्य 80 प्रतिशत से ज्यादा पूरा कर लिया गया है।
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