विधायक नीरज शर्मा ने नगर निगम की शिकायत की।

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फरीदाबाद, 21 जनवरी (अरुण शर्मा)। फरीदाबाद नगर निगम ने बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए 4.67 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे की जमीन पर विकास कार्य करवा दिए। इसके लिए नगर निगम अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की घोषणा नंबर 11313 का सहारा लेते हुए विकास कार्य शुरू करने से पहले रेलवे की मंजूरी लेना भी जरूरी नहीं समझा। एनआइटी फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा कार्यालय के पत्र क्रमांक 234 दिनांक 06-03-2020 को शिकायत मुख्यमंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री हरियाणा, प्रधान सचिव शहरी स्थानीय निकाय विभाग, उपायुक्त फरीदाबाद, आयुक्त नगर निगम फरीदाबाद प्रेषित की थी। जिस पर उपायुक्त फरीदाबाद ने इसकी जांच आयुक्त नगर निगम को सौंपी थी।
लेकिन जांच पर कोई कार्यवाही ना होने के कारण विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा सत्र मार्च 2021 के विधानसभा सत्र में इस मामले को उठाया और उसके बाद विधानसभा में प्रश्न सख्ंया 185 में मंत्री जी ने जवाब दिया कि इस तरह की जांच जारी है।
निगम आयुक्त की तरफ से विधायक नीरज शर्मा को दिनांक 25 फरवरी 2021 को प्राप्त जांच रिपोर्ट में नगर निगम के मुख्य अभियंता ने माना है कि प्याली चौक से एफसीआई गोदाम तक कथित ग्रीन बेल्ट जिसके निर्माण पर नगर निगम ने 1.39 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर दी, कब्जाधारकों का अड्डा बन गई है। ग्रीन बेल्ट के 50 फीसद हिस्से पर कब्जे हो चुके हैं। राजस्व विभाग के रिकार्ड अनुसार यह भूमि रेल मत्रांलय की भूमि है विकसित करने से पूर्व मंत्रालय से इसकी अनुमति लेनी चाहिए थी, मौके पर ग्रीन बैल्ट ना होकर जंगल विकसित है। लाखों रूपए के जो ट्यूबवैल लगाए गए वह केवल पैसो की बर्बादी है। लाखो रूपए की जो लाईटें लगाई गई वह सिर्फ केवल पैसो की बर्बादी है, इसके अलावा ग्रीन बेल्ट के बीचों बीच जो नाला बनाया गया, उस पर 3.28 करोड़ रुपये की राशि नगर निगम ने खर्च की तथा ग्रीन बैल्ट से जो रास्ता आवागमन के लिये दिया है उसकी भी रेलवे से मंजूरी लेनी थी जोकि नहीं ली गई थी क्योकि यह सिर्फ औद्योगिक ईकाईयों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। इन दोनों कार्यों पर खर्च किए गए 4.67 करो? रुपये व्यर्थ हो गए हैं।
एनआइटी क्षेत्र के विधायक नीरज शर्मा ने यह मामला मार्च 2021 को विधानसभा में भी उठाया। इसका जवाब देते हुए शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने अभी सिर्फ इतना ही बताया है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तर पर जांच चल रही है। विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।
विधायक नीरज शर्मा ने दिनांक 20 अगस्त 2022 को प्रश्न सख्ंया 439 पुन: उठाया था जिस पर मंत्री जी द्वारा कहा गया था कि जांच कमेटी ने अभी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है जांच रिपोर्ट आने उपरांत ही कोई कार्यवाही की जागएी।
विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि यह एक घोटाला है। इसमें मुख्यमंत्री को घोषणा करने से पहले या बाद में भी सही तथ्यों से अवगत नहीं कराया गया और सीएम घोषणा का सहारा लेते हुए भ्रष्ट तंत्र ने बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए निगम का पैसा लगा दिया। विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि आज लगभग 3 वर्ष बाद सरकार ने कोई कार्यवाही की है जोकि सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए की है क्योंकि जनता के पैसो का जो दुरूपयोग हुआ है यह उन लोगों से वसूला जाना चाहिए जिन नेताओं और अधिकारियों के कहने पर यह ग्रीन बैल्ट बनी।
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