विधायक राजेश नागर ने विधानसभा में यमुना की गंदगी समेत कई मुद्दे रखे, दिल्ली की केजरीवाल सरकार यमुना को जहरीला बना रही है।
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फरीदाबाद, 29 दिसम्बर (अरुण शर्मा)। तिगांव के विधायक राजेश नागर ने आज विधानसभा में यमुना की गंदगी समेत क्षेत्र के अनेक मुद्दे को रखा। उन्होंने कहा कि यमुना को दिल्ली की केजरीवाल सरकार जहरीला बना रही है। वहीं हाल ही में नगर निगम में शामिल हुए उनके गांवों का पैसा क्षेत्र में ही लगाने की मांग भी रखी।
विधायक राजेश नागर ने कहा कि यमुना का पानी इतना गंदा है कि इससे सिंचाई का काम भी नहीं लिया जा सकता है। श्री नागर ने कहा कि हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करते हुए यमुना जल का बीओडी 2.5 होता है लेकिन जब दिल्ली से यह पानी फरीदाबाद, पलवल के लिए हरियाणा में प्रवेश करता है, तब इसका बीओडी 37 हो जाता है। उन्होंने कहा कि पानी इतना जहरीला होता है कि उसे पीने और सिंचाई दोनों ही काम में नहीं ले पा रहे हैं वहीं हमारे लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। विधायक राजेश नागर ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन में भी यमुना का जल धार्मिक परंपरा के लिए प्रयोग नहीं हो पा रहा है जिसके लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है।
गांवों से मिला पैसा क्षेत्र में ही खर्च हो
विधायक राजेश नागर ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों की मांग है कि हाल ही में नगर निगम में शामिल किए उनके गांवों का करीब 400 करोड़ रुपया क्षेत्र के ही विकास पर खर्च किया जाए। इसके साथ ही पुरानी नहर के साथ सेक्टर-8 से नीमका, सदपुरा होते हुए तिगांव भैंसरावली जाने वाली रोड का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए। विधायक श्री नागर ने ग्रेटर फरीदाबाद में अलग सब डिविजन बनाने की मांग भी सदन में रखी।
विधायक राजेश नागर ने कहा कि मंझावली पुल के चौडीकरण के लिए यूपी सरकार से जमीन के संदर्भ में जल्द बात की जाए और पीडब्ल्यूडी को उनके क्षेत्र की सडक़ों को बनाने के निर्देश दिए जाएं। इसके साथ ही अशोका एन्कलेव और इन्द्रप्रस्थ एक्सटेंशन की पुरानी और छोटी सीवर लाइनों के नवीनीकरण की मांग भी पटल पर रखीं। विधायक राजेश नागर ने कहा कि उनके क्षेत्र से होकर गुजर रहे दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस वे में आने वाले आगरा कैनाल के साथ सटे पल्ला सेक्टर 37 से आईएमटी तक बाईपास रोड को डबल लेन किया जाए, जिससे कि स्थानीय लोगों को भविष्य में होने वाले जाम से बचाया जा सके। इसके अलावा निजी सोसाइटीज में बनी आरडब्ल्यूए को बिल्डर के चंगुल से बचाया जाए और आरडब्ल्यूए को ही सोसाइटीज के संचालन की जिम्मेदारी दी जाए।
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