जेसी बोस वर्कर्स यूनियन की बैठक हुई संपन्न।
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फरीदाबाद, 23 दिसम्बर (अरुण शर्मा)। जेसी बोस वर्कर्स यूनियन वाईएमसीए की बैठक सेक्टर 11 के पार्क में संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता मिल कमेटी के प्रधान दीपक ने की। जबकि संचालन जिला सचिव लेखराज ने किया। इस अवसर पर सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल और सह सचिव वीरेंद्र पाल विशेष रूप से मौजूद रहे। वर्करों को संबोधित करते हुए जिला सचिव ने वाईएमसीए मैनेजमेंट पर वर्करों की समस्याओं का समाधान नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि वर्करों को काफी समय से पहचान पत्र नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि कर्मचारियों को ड्यूटी में आते वक्त और शाम को देर से जाने पर कई बार उनसे सिक्योरिटी और पुलिस वाले पूछताछ करते हैं। जब कर्मचारी वाईएमसीए में कार्यरत होने की बात करता है। तब पुलिस के कर्मचारी उनसे वहां की आइडेंटिटी मांगते हैं। बैठक में इस मुद्दे को लेकर मैनेजमेंट के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया गया। एक और निर्णय में कर्मचारियों को ईएसआई और पीएफ की सुविधा नहीं देने तथा वर्ष 2020 के बकाया वेतन का भुगतान नहीं करने पर भी नाराजगी प्रकट की गई। कर्मचारियों ने प्रबंधकों पर उनकी सुविधाओं में कटौती करने का आरोप लगाया। वर्करों ने बताया कि उन्हें विश्वविद्यालय में काम करते हुए काफी वर्ष हो चुके हैं। लेकिन विश्वविद्यालय का प्रशासन उनकी सेवाओं को पक्का नहीं करता है। वर्षों तक सेवा करने पर उन्हें ग्रेजुएटी और अन्य लाभ नहीं मिलते है। सभी कच्चे कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता दिए बिना ही सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सीटू के सह सचिव वीरेंद्र पाल ने बताया कि यूनियन का निर्माण वर्करों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए करवाया जाता है।
यूनियन को सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का मुद्दा अपने एजेंडे में शामिल करना चाहिए। चाहे सफाई कर्मचारी हो या माली, पलंबर, कारपेंटर हो या बिजली वाला सभी प्रकार के काम करने वाले कर्मचारियों को यूनिवर्सिटी प्रशासन को रैगुलर करना चाहिए। क्योंकि यह सभी कार्य स्थाई रूप से चलने वाले हैं। इसलिए इनका संचालन स्थाई कर्मचारियों के द्वारा ही होना चाहिए। उन्होंने पदाधिकारियों से संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार मीटिंगों लेकर उसमें कर्मचारी की समस्याओं का समाधान मैनेजमेंट से करवाने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने का आह्वान किया।
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