कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने किया आक्रोश प्रदर्शन।
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फरीदाबाद, 26 अगस्त (अरुण शर्मा)। कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी, बिजली मंत्री की हठधर्मिता और बिजली (अमेंडमेंट) बिल 2022 के खिलाफ शुक्रवार को बिजली कर्मचारियों ने सर्कल आफिस सेक्टर-23 में आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने हार्डवेयर- सोहना रोड पर रैली निकाली और सेक्टर-22 श्मशान घाट के सामने बिजली मंत्री का पुतला दहन किया। आक्रोश प्रदर्शन एवं पुतला दहन में एसकेएस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के राज्य प्रधान सुरेश राठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, डिप्टी जरनल सेकेट्री जितेंद्र तेवतिया व आडिटर रामफल दलाल भी पहुंचे। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के राज्य प्रधान प्रधान सुरेश राठी ने आरोप लगाया कि बिजली कर्मचारियों द्वारा 15 जून को एसीएस पावर के पंचकुला कार्यालय और 13 अगस्त को बिजली मंत्री रणजीत सिंह के सिरसा कार्यलय पर प्रदर्शन करने के बावजूद मांगों का समाधान करना तो दूर बातचीत तक करने की जरूरत नही समझा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कौशल रोजगार निगम भंग कर ठेका कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने और पुरानी पेंशन बहाली आदि कर्मचारियों की लंबित मांगों का 15 नवंबर तक समाधान नहीं किया तो बिजली कर्मचारी 22 नवंबर को राज्यव्यापी हड़ताल करने पर मजबूर होंगे। सर्कल सचिव कृष्ण कुमार व राम चरण की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रदर्शन में बल्लभगढ़, ग्रेटर, एनआईटी व ओल्ड फरीदाबाद डिवीजन के अधीनस्थ सब डिवीजनों के हजारों की संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया और राज्य प्रधान द्वारा घोषित 22 नवंबर की राज्यव्यापी हड़ताल का पुरजोर समर्थन किया।
बिजली अमेंडमेंट बिल पास हुआ तो बिजली, गरीब व किसान की पहुंच से बाहर जाएगी।
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं एएचपीसी वर्कर यूनियन के उप प्रधान सुभाष लांबा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपने चेहते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कर्मचारियों और किसानों के तीखे विरोध के बावजूद बिजली अमेंडमेंट बिल 2022 को संसद में पारित करवाने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि बिल पास होने के बाद बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी होगी और बिजली, गरीब व किसान की पहुंच से बाहर हो जाएगी। उन्होंने बिजली कर्मचारियों के सभी संगठनों से सरकार की तानाशाही और कर्मचारियों को मांगों को लेकर व्यापक एकता बनाकर निर्णायक आंदोलन छेडऩे का आह्वान किया। एएचपीसी वर्कर यूनियन के डिप्टी जरनल सेकेट्री जितेंद्र तेवतिया व वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी ने एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर ठेका कर्मियों पर लागू करने, पांच हजार रुपए जोखिम भत्ता देने, सब स्टेशन स्टाफ की तरह सभी तकनीकी कर्मचारियों को शिफ्ट अलाउंस देने, आरटीएस लागू करने से पहले स्टाफ व सामान की कमी को दूर करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया।
प्रदर्शन को निम्न नेताओं ने संबोधित किया
आक्रोश प्रदर्शन को ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन की केन्द्रीय कमेटी के सदस्य मनोज जाखड़, विनोद कुमार, बल्लभगढ़ इकाई के प्रधान रामकेश, सचिव धर्मेन्द्र तेवतिया, ग्रेटर फरीदाबाद के प्रधान दिनेश शर्मा, सचिव अशरफ गांधी, एनआईटी यूनिट के प्रधान भूप सिंह, सचिव गिरीश राजपूत, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, तरुणा, रोड़वेज वर्कर यूनियन के प्रधान रविन्द्र नागर, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान नवल सिंह, सचिव रतिराम, एएचपीसी वर्कर यूनियन के पूर्व नेता परमाल सिंह, जगन सिंह, रामभरोसे, फूलमनी भारती आदि ने संबोधित किया।
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