बिजली मंत्री व मेनेजमेंट के गैर जिम्मेदाराना रवैए के खफा बिजली कर्मचारी 22 नवंबर को प्रदेशव्यापी करेंगे हड़ताल।

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फरीदाबाद,18 अगस्त (अरुण शर्मा)। बिजली मंत्री व मेनेजमेंट के गैर जिम्मेदाराना रवैए के खफा बिजली कर्मचारी 22 नवंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगे। हड़ताल से पूर्व बिजली मंत्री के कर्मचारी विरोधी एवं गैर जिम्मेदाराना रवैए के खिलाफ 20 अगस्त से 15 नवंबर तक सभी जिलों में आक्रोश प्रदर्शन किए जाएंगे। प्रदशनों के बाद शहरों में रैली निकाली जाएगी और बिजली मंत्री के पुतले दहन किए जाएंगे। यह ऐलान बृहस्पतिवार को ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन की सर्कल कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने किया। सर्कल सचिव कृष्ण कुमार व राम चरण की अध्यक्षता में आयोजित सर्कल कार्यकारिणी की मीटिंग में 26 अगस्त को सर्कल आफिस सेक्टर 23 में आक्रोश प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया। इसकी तैयारियों को लेकर सोमवार से सभी सब डिवीजनों में गेट मीटिंग करने का फैसला लिया गया। मीटिंग में केन्द्रीय कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, सीसी सदस्य विनोद कुमार, बल्लभगढ़ इकाई के प्रधान रामकेश व सचिव धर्मेन्द्र तेवतिया, ग्रेटर यूनिट के प्रधान दिनेश शर्मा, ओल्ड यूनिट के प्रधान करतार सिंह व सचिव देवेंद्र त्यागी, एनआईटी के सचिव गिरीश राजपूत व वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामहंस और इकाईयों के नेता सुरेंद्र खटकर, प्रकाश शर्मा, पूजा, श्याम सुंदर, वेद प्रकाश कर्दम,अशोक कुमार, चंद्र पाल सैनी, राहुल व उमेश कुमार आदि मौजूद थे।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन (एएचपीसी) वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी ने मीटिंग में बोलते हुए कहा कि 15 जून को बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पंचकुला कार्यालय और 13 अगस्त को बिजली मंत्री रणजीत सिंह के सिरसा कार्यलय पर प्रदर्शन करने के बावजूद बिजली कर्मचारियों की लंबित मांगों का समाधान करना तो दूर सरकार व निगम मेनेजमेंट ने बातचीत तक करना उचित नहीं समझा। सरकार व मेनेजमेंट के इस गेर जिम्मेदाराना रवैए ने ही बिजली कर्मचारियों को सडक़ों पर उतरने और हड़ताल जैसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों एवं इंजीनियर की कड़ी मेहनत के दम पर बड़े बड़े दावे करने वाले बिजली मंत्री के पास उनकी समस्याओं को सुनने तक का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि यूनियन की प्रमुख मांगों में कौशल रोजगार निगम भंग कर डीसी रेट ठेका कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम-समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करना, पुरानी पेंशन बहाल करना, खाली पड़े पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार देने, सभी कच्चे व पक्के कर्मचारियों को पांच हजार रुपए जोखिम भत्ता देने, एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर स्कीम को ठेका कर्मचारियों पर भी लागू करने, बिजली संशोधन बिल 2022 को रद्द करने आदि है।
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