मात्र 24 साल की उम्र में कर डाली करोड़ों की ठगी !
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फरीदाबाद, 15 जुलाई (अरुण शर्मा)। काल स्पूफिग कर भारतीय स्टेट बैंक के खाताधारकों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का सरगना कामिल अब्बास महज दसवीं कक्षा तक पढ़ा है, मगर अपने काल सेंटर में कालिग के लिए वह अंग्रेजी बोलने वाले ग्रेजुएट युवाओं को नौकरी पर रखता था। हाल ही में एनआइटी साइबर थाना पुलिस ने दिल्ली के उत्तम नगर निवासी कामिल, उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी रहबर अली और उत्तराखंड के उधम सिंह नगर निवासी मोहम्मद अनीस को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने देशभर में 50 से अधिक ठगी की वारदात कर रखी हैं। सभी आरोपियों को साइबर थाना पुलिस ने जेल भेज दिया है।
फर्जी काल सेंटर में नौकरी करता था आरोपी
एनआइटी साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि कामिल पहले एक फर्जी काल सेंटर में नौकरी करता था। वहां पुलिस ने छापेमारी कर काल सेंटर को बंद करा दिया था। उससे पहले ही कामिल नौकरी छोड़ चुका था। फर्जी काल सेंटर से ही उसे एसबीआइ के खाता धारकों को ठगने का आइडिया आया। उसने एक फ्लैट किराये पर लिया और ठगी करनी शुरू की। आरोपी खुद ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था, इसलिए वह फोन पर बात नहीं कर पाता था। उसने अखबार में कालिग स्टाफ के लिए विज्ञापन दिया। योग्यता अंग्रेजी बोलना अनिवार्य और कम से कम ग्रेजुएट रखी गई। उसने कई लडक़े-लड़कियों को नौकरी पर रखा। उनसे ही फोन करवाता था। उनके लिए वह टारगेट भी तय करता था और वेतन के रूप में अच्छा खासा भुगतान भी करता था। अंग्रेजी में बातचीत के कारण लोग आसानी से बातों में आ जाते थे। कालिग स्टाफ को पता नही होता था कि वे फ्रॉड का हिस्सा बन रहे हैं। कामिल का एक साथी अभी फरार है। वह एसबीआइ के खाता धारकों का डाटा सस्ते दाम में उपलब्ध करवाता था।
इस तरह करते थे कॉल –
गिरोह के सदस्य काल स्पूफिग एप के जरिये एसबीआइ का टोल फ्री कस्टमर केयर नंबर बनाकर लोगों को काल करते थे। वे खुद को एसबीआइ बैंक का कर्मचारी बताते थे। साथ ही कहते थे कि अपने क्रेडिट कार्ड के पीछे एसबीआइ का टोल फ्री नंबर देखो। उसी नंबर से काल आई है। इसलिए लोग इन पर विश्वास कर लेते थे और क्रेडिट कार्ड की सारी जानकारी दे देते थे। यह गिरोह देशभर में 50 से अधिक वारदात कर चुका है।
मात्र 24 साल की उम्र में कर डाली करोड़ों की ठगी
मुख्य आरोपी कामिल अब्बास की उम्र मात्र 24 साल है। आरोपी के खातों की जांच में सामने आया कि उसने दिल्ली, हरियाणा, यूपीए पंजाब में करोडों की ठगी को अंजाम दिया है। साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि आरोपी करीब डेढ साल से साइबर अपराध कर रहे थे। पहली बार इन्हे फरीदाबाद पुलिस ने ही दबोचा है। आरोपित शादीशुदा है, लेकिन ठगी की रकम को ज्यादातर अय्याशी में ही उड़ा देता था।
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