U.P. मे ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी को लेकर निजी अस्पतालों का होगा ऑडिट, कोई भी मरीजों को भर्ती करने से नही कर सकता मना
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत तमाम जिलों से लगातार आ रही ऑक्सीजन की कमी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है. अब निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन ऑडिट कराया जाएगा. इसके लिए आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ और आईआईटी बीैएचयू को मॉनीटरिंग और ऑडिट की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अपर मुख्या सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी और जमाखोरी को लेकर सरकार ने यह फैसला लिया है.
अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कोरोना के दौरान प्रदेश में उत्पन्न हुयी ऑक्सीजन की समस्या से निपटने के लिए तैयार कराये गये ‘ऑक्सीजन माॅनिटरिंग सिस्टम फाॅर यूपी’ नामक डिजीटल प्लेटफार्म द्वारा कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है. कोरोना से बचाव के सम्बन्ध में भारत सरकार के साथ कल हुई वीडियों कान्फ्रेन्सिंग में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ऑक्सीजन मॉनिटरिंग व्यवस्था के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी.
वही आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी अस्पताल चाहे वह निजी हो या फिर सरकारी मरीजों के इलाज से इनकार नहीं कर सकता है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में जरूरी निर्देश देते हुए कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि जिसे भी अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत हो उसे बेड मिले. मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के निःशुल्क टीकाकरण का निर्णय लेने वाला पहला राज्य उत्तर प्रदेश है. 1 मई से प्रारंभ हो रहे इस वृहद टीकाकरण अभियान के संबंध में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए. 50-50 लाख डोज का ऑर्डर दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों को भेज दिया गया है. इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराई जाएगी. इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली जाए. वैक्सीन वेस्टेज न हो, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें।
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