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इंडियन प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन ने जनहित याचिका दायर की।

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        फरीदाबाद, 21 मार्च (अरुण शर्मा)। प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों में एडमिशन के समय परिवार पहचान पत्र (पीपीपी)का अनिवार्यता के चलते आज इंडियन प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। एसोसिएशन के चेयरमैन डा. विमल पाल, अध्यक्ष डा. प्रदीप गुप्ता, महासचिव व कोषाध्यक्ष डा. राजेश मदान व कानूनी सलाहकार डा. तरूण अरोड़ा एडवोकेट ने प्रैस वार्ता का बताया कि स्कूलों की को पीपीपी के तहत टेक्निकल दिक्कत आएगी। हरियाणा सरकार की ओर से शिक्षा विभाग के द्वारा नए एडमिशन के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पोर्टल पर पीपीपी को अपलोड करना अनिवार्य किया है।
प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा हरियाणा के स्कूलों में अप्रैल में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा। इस दौरान स्कूलों में नए एडमिशन भी किए जाएंगे। स्कूल प्रबंधन इस बार नए एडमिशन में पीपीपी को लेकर चिंतित है।
चेयरमैन डा. विमल पाल व अध्यक्ष डा. प्रदीप गुप्ता ने बताया कि अब सरकार के एमआईएस पोर्टल पर नए छात्रों के पंजीकरण करने के लिए पारिवारिक आईडी का उपयोग करना होगा। इसमें कई तरह की खामियों के कारण प्रबंधन ने एडमिशन में परेशानी आ रही है। क्यों फरीदाबाद एक औद्योगिक नगरी है, जहां देश के विभिन्न राज्यों के मजदूर व मध्यम वर्गीय लोग रोजी-रोटी की तलाश में आता है। इन लोगों व उनके परिवार के अन्य सदस्यों का पीपीपी कार्ड नहीं है।
इंडियन प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि एडमिशन की नई प्रक्रिया में परिवार पहचान पत्र को विकल्प के रूप में कर दिया जाए। एसोसिएशन के अनुसार जल्द ही वह इस मांग को लेकर हरियाणा के शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। यदि सही हल निकला तो एसोसिएशन के बैनतर तले सभी स्कूल संचालका इसका विरोध करेगें।
एसोसिएशन के महासचिव एवं कोषाध्यक्ष डा. राजेश मदान ने कहा कि शिक्षा विभाग के पोर्टल पर परिवार पहचान पत्र अपलोड करते समय ओटीपी जनरेट होता है। चूंकि ये ओटीपी अभिभावकों के रजिस्टर्ड नंबर पर आता है, यह नंबर एडमिशन के लिए उन्हें सांझा करना होता है, लेकिन अधिकांश पेरेंट्स साइबर धोखाधड़ी के कारण यह ओटीपी देने से इनकार करते हैं। इससे एडमिशन में काफी दिक्कतें आ रही है।
शिक्षाविद् डा. अमित जैन, राकेश खटाना ने बताया कि शिक्षा विभाग के एमआईएस पोर्टल पर एक तकनीकी दिक्कत और भी है। इस दिक्कत के कारण दूसरे राज्यों के छात्रों को काफी परेशानी हो रही है। दूसरे राज्यों की पारिवारिक आईडी में 16 अंक होते हैं, जबकि हरियाणा के परिवार पहचान पत्र में 12 अंक हैं, इसलिए इन छात्रों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने में परेशानी हो रही है।
इस मौके पर नीतू जैन, भूपेन्द्र श्योराण, अनुपम दत्ता, रहीश खान, डा. सुनील सहित अन्य शिक्षाविद् मौजूद रहे।

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