36वां सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ इतिहास रचने जा रहा है – अरविन्द सिंह
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फरीदाबाद, 2 फरवरी (अरुण शर्मा)। केन्द्रीय पर्यटन सचिव अरविन्द सिंह ने कहा है कि 36वां सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ इतिहास रचने जा रहा है। मेले इस बार दुनिया भर से और पूरे भारत से अभूतपूर्व भागीदारी का गवाह बनेगा। इस बार मेले का थीम स्टेट भारत का उत्तर पूर्वी क्षेत्र रहेंगे।
तीन फरवरी से 19 फरवरी तक लगने वाले इस मेले का शुभारंभ भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेगें। वहीं समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेगें।
इस मौके पर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल, प्रदेश के पर्यटन मंत्री कंवर पाल, परिवहन मंत्री पं.मूलचंद शर्मा, विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा भी उपस्थित रहेंगी। हरियाणा पर्यटन निगम के अध्यक्ष डॉ. अरविंद यादव सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे।
पर्यटन सचिव श्री सिंह ने बताया कि सूरजकुण्ड शिल्प मेला वर्ष 1987 में पहली बार हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह त्योहार अपने प्रदर्शन के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन कैलेंडर पर गर्व और प्रमुखता के स्थान पर आ गया है।
सूरजकुण्ड शिल्प मेले के इतिहास में एक मानदंड स्थापित किया गया था क्योंकि इसे 2013 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया था। 2022 में यूरोप, अफ्रीका और एशिया के 30 से अधिक देशों ने मेले में भाग लिया।
अरविंद सिंह ने आगे कहा कि इस वर्ष 40 से अधिक देश मेले का हिस्सा होंगे, जिसमें भागीदार राष्ट्र शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शामिल हैं, जिसके तहत कजाकिस्तान, चीन, रूस, उजबेकिस्तान, अजरबैजान, अर्मेनिया जैसे 25 से अधिक देश शामिल हैं। तुर्की, कंबोडिया, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, सऊदी अरब, कतर जैसे कुछ नाम बहुत उत्साह के साथ भाग लेंगे।
भारत का उत्तर पूर्वी क्षेत्र से विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित कर रहा है। आगंतुकों को अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा राज्यों से विरासत और संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। पूर्वोत्तर क्षेत्र के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्य कला से लेकर उत्कृष्ट शिल्प तक दर्शकों को लुभाने के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र की विरासत और संस्कृति का गुलदस्ता है। थीम स्टेट पूरे क्षेत्र की विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक स्मारक द्वार का निर्माण करेगा।
मेले में राजस्थान के कच्ची घोड़ी, पंजाब के भांगड़ा, हरियाणा के लोक नृत्य, हिमाचल प्रदेश के जमकदा और नाटी, हिमाचल पुलिस बैंड, उत्तर प्रदेश के लोक नर्तक और सदाबहार बहरूपिया जैसे विभिन्न प्रकार के कलाकार मेले में आगंतुकों का मनोरंजन करेंगे। मेला ग्राउंड के भीतर अपनी करामाती प्रतिभा और शोमैनशिप से लोगों का मनोरंजन करते रहेंगे। मेला पखवाड़े के दौरान शाम को होने वाले आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम आगंतुकों का भरपूर मनोरंजन करेंगे। शुभा मुद्गल, मीका सिंह, काका, नूरान सिस्टर्स, मामे खान, यूफोरिया जैसे बैंड्स, टेटसेओ सिस्टर्स के अलावा उत्तर पूर्वी राज्यों के फुट टैपिंग डांस और सॉन्ग शो और भाग लेने वाले विदेशी देशों के शानदार प्रदर्शन का आनंद लें। शाम 7 बजे से चौपाल में सारी हलचल और उत्साह देखें। दोनों चौपालों (एम्फीथिएटर्स) को प्रतिभागी राज्य और भागीदार राष्ट्र के तत्वों से प्रेरित एक नया रूप दिया गया है ताकि पारंपरिक प्रॉप्स के उपयोग के साथ-साथ दर्शकों के लिए प्रदर्शनों को जीवंत बनाया जा सके।
इस प्रैस वार्ता में थीम स्टेट पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन विभाग के सेक्रेट्री हरप्रीत सिंह, टूरिज्म विभाग के निदेशक नीरज कुमार, डीसी विक्रम सिंह, डीसीपी नितीश अग्रवाल, एचएसवीपी के एस्टेट आफिसर्स अमित कुमार, मेला प्रशासक यूएस भारद्वाज सहित अन्य प्रशासनिक, टूरिज्म और पुलिस अधिकारी गण उपस्थित रहे।
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