राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने एंटी करप्शन सेल का गठन किया।

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चंडीगढ़ , 31 जनवरी ( अरुण शर्मा) : हरियाणा में क्रप्शन पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को लेकर बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का नाम बदलने का भी निर्णय लिया है। अब एंटी करप्शन ब्यूरो से स्टेट विजिलेंस की पहचान होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विजिलेंस ब्यूरो के डीआईजी और एसपी सहित उच्चाधिकारियों के साथ की बैठक में यह फैसला लिया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल राज्य के सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए ब्यूरो को मजबूत करने में जुटे हैं। इसी के तहत राज्य सरकार ने ट्रैप मनी फंड भी बनाया है। इस फंड के जरिए सरकारी अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराने वाले पीड़ित लोगों को ‘ट्रैप मनी‘ का जुगाड़ नहीं करना पड़ेगा। ब्यूरो की ओर से इसके लिए मदद की जाएगी।
सरकार ने ब्यूरो को मजबूत करने के लिए कुछ और भी अहम् कदम उठाये हैं, जिसमें 809 अतिरिक्त पदों की मंजूरी दी जा चुकी है। इसके साथ ही सूचनाओं के लीकेज को रोकने के लिए स्वतंत्र गवाहों की नियुक्ति की प्रणाली में भी बदलाव किए गए हैं। इसके साथ ही 6 डिवीजनल सतर्कता ब्यूरो सृजित किए गए हैं। यही नहीं इनके अतिरिक्त वर्ष 2023-2024 के लिए सतर्कता संबंधी मामलों के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
हरियाणा में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार बड़ी पहल शुरू करने जा रही है। रिश्वत की मांग करने वाले सरकारी अधिकारियों को पकड़वाने के लिए ‘ट्रैप मनी’ के रूप में 1 करोड़ रुपए का रिवॉल्विंग फंड बनेगा। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के इस प्रस्ताव को सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
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