नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथी आजाद हिन्द फौज स्वतंत्रता सेनानी हवलदार जगराम धनखड़ का किया राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार।
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फरीदाबाद, 25 जनवरी (अरुण शर्मा)। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी रहे आजाद हिन्द फौज के हवलदार 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह धनखड़ का आज बुधवार को गांव मछगर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह की अन्तिम यात्रा में जब तक सूरज चांद रहेगा जगराम तेरा नाम रहेगा। भारत माता की जय हो। स्वतंत्रता सेनानियों सहित अन्य रण बांकुरों की जय हो के नारों से पूरा मच्छगर गांव गूंज उठा था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी साथी आजाद हिन्द फौज स्वतंत्रता सेनानी हवलदार जगराम धनखड़ के अंतिम संस्कार में विधायक नयनपाल रावत, एसडीएम त्रिलोक चंद, एसीपी जगबीर सिंह, भाजपा नेता टिपर चंद शर्मा सहित कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रही।
हरियाणा पुलिस की टुकड़ी के इन्चार्ज एसआई रंजीत सिंह की टुकड़ी ने उन्हें भावभीनी राष्ट्रीय मातमी धुन के साथ सलामी देकर देकर राईफलों को झुका कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सरकार, जिला प्रशासन, पुलिस और जिला सैनिक कल्याण बोर्ड की उनके पार्थिव शरीर को पुष्पचक्र और पुष्प मालाएं अर्पित किए गए। वहीं अन्तिम संस्कार के दौरान पुष्प चक्र अर्पित करते हुए विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि फरीदाबाद का स्वतंत्रता सेनानी असली हीरो जगराम सिंह धनखड़ था। जो आज हमारे बीच से चला गया है।
एसडीएम तिलोकचंद ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी हवलदार जगराम सिंह धनखड़ को हिंदी, इंग्लिश, उर्दू जर्मन सहित कई भाषाओं का ज्ञान था। उनकी कुर्बानी हमेशा हमेशा के लिए समाज के लिए स्मरणीय रहेगी। एसीपी जगबीर सिंह ने कहा कि महा नायक स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह जैसे सभी स्वतंत्रता सेनानी भारतीय सेना व अर्धबल सेनाओं और पुलिस के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बनें रहेंगे। ऐसे महान नायकों से हमेशा सुरक्षा के लिए प्रेरणा मिलती रहेगी।
कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के भाई बीजेपी नेता टिपर चंद शर्मा ने कहा कि 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह फरीदाबाद जिला का एक होनहार आजाद हिन्द फौज और भारतीय स्वतंत्रता सेना का वास्तविक हीरो था। वे हमेशा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के काफी करीबी रहे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ हुई बातों के सुझाव भी सांझा किया करते थे। स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह धनखड़ की पर्थिव शरीर को उनके पोते अमित, धीरज, शिक्षित व बेटे दलबीर सिंह ने कंधा दिया। उनके इकलौते बेटे दलबीर सिंह ने उनकी चिता को मुखाग्नि देकर उन्हें पंचतत्व में विलीन किया। दलबीर उर्फ दल्लू ने अन्तिम यात्रा के दौरान उनकी कई सुझावों को सांझा किया।
आपको बता दें आजाद हिन्द फौज के स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह ने 24 जनवरी को देर सायं गांव मच्छगर में अपने घर में ही अंतिम सांस ली थी और आज बुधवार को पूरा राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार गांव मच्छगर के श्मशान घाट में किया गया।
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