दिग्गज कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने की घोषणा के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी में मचा हड़कंप।
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दिल्ली, 26 अगस्त (अरुण शर्मा) कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ दी है। आजाद ने पांच पेज का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। कांग्रेस से अलग होते ही आजाद ने एलान कर दिया कि वह अब एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे।
दिग्गज कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने की घोषणा के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी में हड़कंप मच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और दिग्विजय सिंह ने गुलाम नबी आजाद को उन दिनों की याद दिला दी है जब गुलाम नबी आजाद का सिक्का पार्टी में था और उनकी गिनती गांधी परिवार के करीबी नेताओं में होती थी।
गुलाम नबी आजाद के जाने के बाद कुछ अन्य नेताओं ने भी कांग्रेस छोड़ दी। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्री आरएस छिब ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर भले ही कांग्रेस नेता भड़के हुए हैं, लेकिन इससे पार्टी को झटका लगा है. पार्टी ने एक मजबूत नेता खो दिया है, खासकर जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। यहां कांग्रेस का कोई दूसरा चेहरा नहीं है।साफ है कि इस पूरी कवायद से कांग्रेस को ही घाटा हुआ है, जबकि गुलाम नबी आजाद के राजनीतिक वजूद पर खास असर नहीं पड़ता दिख रहा। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा की सीट न देने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस में ही कुछ पद दिए थे।
गुलाम नबी आजाद नई पार्टी बनाने के बाद जम्मू कश्मीर में पहला चुनाव लड़ेंगे। ऐसा संभव है कि वह इस संभावित चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर लें। भाजपा की स्थिति जम्मू की विधानसभा सीटों पर अच्छी है, लेकिन कश्मीर की सीटों पर ठीक नहीं है। आजाद के साथ आने पर भाजपा को कश्मीर में फायदा मिल सकता है।
आजाद को मोदी ने दिया था सम्मान![](https://republichindustannews.com/wp-content/uploads/2022/08/IMG-20220826-WA0098-300x262.jpg)
गुलाम नबी आजाद पार्टी से अलग उस जी 23 समूह का भी हिस्सा थे, जो पार्टी में कई बड़े बदलावों की पैरवी करता है। उन तमाम गतिविधियों के बीच इस इस्तीफे ने गुलाम नबी आजाद और उनके कांग्रेस के साथ रिश्तों पर सवाल खड़ा कर दिया है।
आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2021 को पूरा हो गया था। उसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि किसी दूसरे राज्य से उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा। आजाद का कार्यकाल खत्म होने वाले दिन उन्हें विदाई देते हुए PM नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। 2022 में मोदी सरकार ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिया था। कांग्रेस के कई नेताओं को यह पंसद नहीं आया। नेताओं ने सुझाव दिया था कि आजाद को यह सम्मान नहीं लेना चाहिए।
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