कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में शामिल होंगे या बनाएंगे अपनी पार्टी ?
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हरियाणा
हरियाणा में कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ट्वीट के जरिए अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। सोमवार सुबह भी बिश्नोई ने ट्वीट किया कि कागजों पे लिखकर जाया कर दूं मैं, वो शख्स नहीं, वो शायर हूं, जिसे जमाने के दिलों पर लिखने का हुनर आता है। ।दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी से बाहर निकाल दिया है।सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष से बिश्नोई की सदस्यता खत्म करने की भी सिफारिश की जा सकती है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कार्तिकेय शर्मा के लिए ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी। फिलहाल कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई लंबे समय से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे थे कुलदीप बिश्नोई हरियाणा की राजनीति में गैर-जाट चेहरा माने जाते हैं. उन्हें सियासत विरासत में मिली है. बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं. 1998 में अपने पिता भजन लाल की परंपरागत सीट आदमपुर सीट से कुलदीप बिश्नोई पहली बार कांग्रेस से विधायक बने और हिसार से सांसद भी रहे. हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम बनाने के खिलाफ कुलदीप बिश्नोई अपने पिता भजनलाल के साथ 2007 में कांग्रेस छोड़कर हरियाणा जनहित कांग्रेस नाम से अपनी पार्टी बनाई थी. कुलदीप बिश्नोई ने अपनी हरियाणा जनहित कांग्रेस को 9 साल चलाया, लेकिन कोई खास राजनीतिक मुकाम हासिल नहीं कर पाए. हालांकि, एक बार उनकी पार्टी के पांच विधायक जीते थे, जिन्हें भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने साथ मिला लिया था. दूसरी बार उनकी पार्टी के दो विधायक जीते, जिसमें खुद स्वयं और पत्नी रेणुका बिश्नोई विधायक चुनी गई थीं. इसके बाद 2016 में कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस में घर वापसी कर गए और हरियाणा जनहित कांग्रेस को उन्होंने कांग्रेस में विलय कर दिया था.
साल 2019 में कुलदीप बिश्नोई अपनी परंपरागत सीट से विधायक बने, लेकिन उससे पहले उन्होंने अपने बेटे भव्य बिश्नोई को हिसार से संसदीय चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ाया था, जिसे जिता नहीं सके. पिछले काफी समय से उनके और भाजपा नेताओं के बीच नजदीकियां देखी गईं।रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि उनके भाजपा में शामिल होने की ‘शर्तें’ अंतिम चरण में हैं।दूसरी तरफ भाजपा ने कहा कि पर्दे के पीछे कोई ‘सौदा’ नहीं किया जा रहा और पार्टी की नीतियों में विश्वास के कारण बिश्नोई ‘बिना शर्त’ पार्टी में शामिल होंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि अभी तक उन्होंने पार्टी में शामिल होने के अपने इरादे के बारे में कोई शर्त नहीं रखी है।
व्यूरो चीफ-अरुण शर्मा
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