किसानों के कंधों पर खालिस्तानियों की बंदूक !
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पिछले 10 महीनों से लगातार चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी समर्थक अपना लक्ष्य पूरा करने में लगे हैं जो कि देश विरोधी है। 26 जनवरी 2021 को पूरे देश ने ही नहीं बल्कि दुनिया ने देखा कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ छुपे हुए खालिस्तानी समर्थक आतंकवादियों ने भारतीय झंडे का अपमान किया और उसे लाल किले से उतारकर अपना झंडा लगा दिया। उस समय भी कुछ ये उपद्रवी खालिस्तान के समर्थन मे नारे लगा रहे थे।
अब ये दूसरी घटना लखीमपुर खीरी में घटित हुई है जिसका आतंकी संगठन के चीफ बब्बर खालसा से सीधा संबंध देखा जा सकता है। कोई भी किसान इतनी बेरहमी से लाठी-डंडे, फरसा और तलवार लेकर 5 लोगों की हत्या नहीं कर सकता।इन उपद्रवियों का उद्देश्य पिछले साढ़े चार साल से बिना दंगों के चल रही उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर कलंक लगाना है और भोले-भाले किसान तो अपने खेतों में काम पर लगे हुए हैं और कुछ किसानों को किसान संगठन अपने साथ लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं जिसकी आड़ में यह आतंकी संगठन के लोग अपना एजेंडा चला रहे हैं, लेकिन किसान इसको समझ नहीं पा रहे। जबकि केंद्र सरकार ने फिलहाल तीनों कृषि विलों को टाल दिया है और सुप्रीम कोर्ट में भी तीनों कृषि बिलो का मामला लंबित है और कोर्ट ने प्रदर्शन करने वालों को भी फटकार लगाई है।
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