कोरोना वायरस स्रोत- चीनी लैब या चमगादड़ ?WHO पर बढ़ा दबाब । – Republic Hindustan News

Republic Hindustan News

Latest Online Breaking News

कोरोना वायरस स्रोत- चीनी लैब या चमगादड़ ?WHO पर बढ़ा दबाब ।

😊 Please Share This News 😊

 

*कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही इसकी उत्पत्ति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दुनिया के कई देशों ने चीन पर इसे लैब में तैयार करने के आरोप लगाए हैं। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे ‘चीनी वायरस’ करार दिया था। अब अमेरिका और ब्रिटेन कोविड-19 की संभावित उत्पत्ति की गहराई से जांच करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर लगातार दबाव बना रहे हैं। दोनों देशों का मानना है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ की टीम को चीन का नए सिरे से दौरा करना चाहिए। डब्ल्यूएचओ और चीनी विशेषज्ञों ने बीते मार्च में एक रिपोर्ट जारी करके इस महामारी के उत्पन्न होने की चार संभावनाओं के बारे में जानकारी दी थी।

*संयुक्त टीम का मानना है कि इस बात की प्रबल आशंका है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों से किसी अन्य जानवर के माध्यम से इंसान में प्रवेश कर गया। यह संभावना बेहद कम है कि यह वायरस किसी प्रयोगशाला में तैयार किया गया है।

*जिनेवा में अमेरिकी मिशन ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा था कि कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर संयुक्त टीम की ओर से की गई पहले चरण की जांच अपर्याप्त और अनिर्णायक है। इसलिए तय समय के भीतर पारदर्शी तरीके से विशेषज्ञों के नेतृत्व में साक्ष्य-आधारित दूसरे चरण की जांच की जानी चाहिए। इसके लिए दोबारा चीन का दौरा किया जाना चाहिए।

*वायरस की उत्पत्ति पर ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिये आगे रिसर्च जरूरी: भारत*

भारत ने कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की अगुवाई में शुरू वैश्विक अध्ययन को पहला महत्वपूर्ण कदम बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसके बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने एवं आगे आंकड़ा जुटाने के लिये अगले चरण के अध्ययन की जरूरत है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को अपने बयान में यह बात कही ।

*उन्होंने कहा, ”डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में वैश्विक अध्ययन पहला महत्वपूर्ण कदम है । यह इस बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने एवं आगे और आंकड़े जुटाने के लिये अगले चरण के अध्ययन की जरूरत को रेखांकित करता है।  डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई तथा आगे अध्ययन में सभी के सहयोग एवं समझ की जरूरत है।”
मार्च में विश्व डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर चीन के वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त रूप से लिखी गई एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया था कि इसके किसी प्रयोगशाला में शुरू होने की संभावना ”बेहद कम है। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों द्वारा चीन में महामारी के केंद्र वुहान सहित अन्य स्थानों पर अभियान के संचालल के तौर तरीकों तथा बीजिंग से पर्याप्त सहयोग की कमी को लेकर अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने चिंता जतायी है। खबरों के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रिएसस ने भी इसपर सहमति व्यक्त की है कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर आगे और अध्ययन की आवश्यकता है।

*पहला केस आने से चीन की लैब में बीमार हुए थे शोधकर्ता: यूएस इंटेलिजेंस*
* वहीं, एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में यह नया खुलासा किया गया है कोरोना महामारी फैलने से पहले ही वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के तीन शोधकर्ता बीमार पड़े थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ये रिसर्चर नवंबर 2019 में बीमार पड़े थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराना पड़ा था। अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने यह खुलासा किया है। रिपोर्ट में वुहान लैब के बीमार पड़े शोधकर्ताओं की संख्या, उनके बीमार पड़ने के समय और अस्पताल जाने से जुड़ी अन्य विस्तृत जानकारियां हैं। इस खुफिया रिपोर्ट के आने के बाद एक बार फिर से उस दावे को बल मिलेगा जिसके तहत कोरोना महामारी के वुहान लैब से फैलने की आशंका जताई जा रही थी।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]

लाइव कैलेंडर

July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
error: Content is protected !!