36 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजेगी – डीसी विक्रम सिंह
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फरीदाबाद, 1 फरवरी (अरुण शर्मा)। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि 36 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजेगी।
मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आगामी तीन से 19 फरवरी तक आयोजित किए जाएंगे।
टूरिज्म विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चार फरवरी से पूर्वोत्तर राज्यों का मेले में प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तक मुख्य चौपाल व छोटी चौपाल पर देश के विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार, थीम स्टेट पूर्वोत्तर राज्यों और पार्टनर कंट्री एससीओ यानी शंघाई सहयोग संगठन से जुड़े देशों के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। वहीं अलग से भी प्रतिदिन विशेष कलाकार सांस्कृतिक संध्या को सुरों से सजाएंगे। मेले के सहायक नोडल अधिकारी हरिवंद्र यादव ने बताया कि उद्घाटन वाले दिन तीन फरवरी को स्पेशल क्लासिकल कोरियोग्राफी से इसकी शुरुआत होगी। हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से की गई तैयारी के अनुसार मेले में पंजाबी के साथ ही भोजपुरी गीतों की भी धूम रहेगी। चौपाल पर सूफियाना रंग भी जमेगा।
उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 3 फरवरी शुक्रवार को कोरियोग्राफी का रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम होगा। जबकि चार फरवरी को मेजर मिनिगं के साथ पूर्वोत्तर शो टटसो बहने की रंगा रंग सास्कृतिक प्रस्तुति होगी। पांच फरवरी को गायिका मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति होगी। छह फरवरी हरियाणवी नाइट में गायिका रेणुका पवार व प्रांजल दहिया की संगीतमय प्रस्तुति दी जाएगी। इसी क्रम में सात फरवरी अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की नृत्य प्रस्तुति होगी। आठ फरवरी पंजाबी गायक मीका सिंह की प्रस्तुति देखने और सुनने को मिलेगी। नौ फरवरी को बनारसी हैंडलूम का फैशन शो होगा। वहीं 10 फरवरी हिमाचल प्रदेश के बैंड की विशेष प्रस्तुति होगी। इसके बाद 11 फरवरी को जुगलबंदी फ्यूजन डांस और 12 फरवरी को वालीवुड गायक कृष्णा बेऊरा अपने बैड के साथ प्रस्तुति देंगे। 13 फरवरी थीम स्टेट पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकारों द्वारा क बैड फैशन शो होगा तथा 14 फरवरी गायक की प्रस्तुति देखने और सुनने को मिलेगी। 15 फरवरी पाप एंड एक बैंड की प्रस्तुति दी जाएगी। 16 फरवरी नूरा सिस्टर्स का सूफियाना कलाम और 17 फरवरी राजस्थानी लोक गायक मार्ग खान की प्रस्तुति देंगे। 18 फरवरी को इंडियन हैंडलूम का फैशन शो होगा। वहीं अन्तिम दिन 19 फरवरी समापन समारोह के
दौरान अलग-अलग प्रदेशों के लोक नृत्य की प्रस्तुति देखने और सुनने को मिलेगी।
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