फ़रीदाबाद शहर में नए सिरे से होगी वार्डबंदी, बनाए जाएंगे 46 वार्ड।
😊 Please Share This News 😊
|
फरीदाबाद,19 जुलाई (अरुण शर्मा) फरीदाबाद शहर में नए सिरे से वार्ड बंदी की जा रही है। जानकारी के अनुसार फरीदाबाद में 46 वार्ड बनाए जाएंगे। बीते हफ्ते मंगलवार को एडहॉक कमेटी का गठन किया गया था और इस कमेटी की बैठक में ही 45 की जगह 46 वार्ड बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि नए वार्ड को बल्लभगढ़ विधानसभा के तहत जोड़ा जाने वाला है।
हालांकि अभी तक नए वार्ड को एडहॉक कमेटी की मंजूरी नहीं मिली है । मंजूरी मिलने के बाद ही इस ड्राफ्ट को शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से और वोटर आईडी के माध्यम से नए वार्ड बनाए जा रहे हैं। पिछली बार 40 वार्ड में चुनाव आयोजित किए गए थे और इस बार माना जा रहा है कि 46 वार्ड बनाए जाएंगे और 46 वार्ड में चुनाव आयोजित होंगे और इस ड्राफ्ट में यह भी ध्यान रखा गया है कि जो वार्ड जिस विधानसभा में आता है उसे उसी में रखा जाए किसी दूसरे विधानसभा में शामिल ना किया जाए।
सरकार दोबारा से हरकत में आई
बता दें कि नगर निगम चुनावों को लेकर पहले यही कहा जा रहा था कि लोकसभा और विधानसभा के बाद ही इन्हें करवाया जाएगा। जिसके बाद वार्डबंदी का काम लगभग बंद कर दिया गया था। पंरतु एकाएक सरकार दोबारा से हरकत में आई और वार्डबंदी को लेकर नई कमेटी का गठन किया गया। जिसमें निर्णय लिया गया कि इस बार वार्डों की संख्या बढ़ाकर 46 कर दी जाए। हालांकि इससे पहले यह संख्या 45 थी। मगर इस बार नई वार्डबंदी कमेटी ने एक और वार्ड बनाने का फैसला लिया है। इस नए वार्ड की स्वीकृति राज्य सरकार देगी, जिसके बाद 46 वार्ड में चुनाव होंगे।
नई वार्डबंदी कमेटी के बाद फरीदाबाद नगर निगम क्षेत्र में पार्षद का चुनाव लडऩे का मन बनाकर बैठे हजारों लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ गई है। जो लोग निगम चुनाव लडऩे के लिए पिछले काफी समय से तैयारी कर रहे थे, वह एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। हालांकि अभी भी यह तय नहीं है कि वार्डबंदी फाईनल होने के बाद चुनाव कब तक होंगे। राजनैतिक सूत्रों का कहना है कि यदि लोकसभा और विधानसभा से पहले नगर निगम के चुनाव हुए तो उसका नुक्सान सत्ताधारी पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। भाजपा के रणनीतिकारों को भी इसकी बाखूबी जानकारी है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि वार्डबंदी कमेटी का गठन इसलिए किया गया है, ताकि वह अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय रख सकें। चर्चा तो यह भी है कि वार्डबंदी करने का उदेदश्य माहौल को गर्माए रखना है। जबकि नगर निगम चुनाव लोकसभा और विधानसभा के बाद ही करवाए जाने की प्लानिंग है।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें |