आंगनवाड़ी वर्कस एडं हेल्पर्स यूनियन ने 15 सूत्री मांगों का सौंपा ज्ञापन।
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फरीदाबाद, 2 जून (अरुण शर्मा)। आंगनवाड़ी वर्कस एडं हेल्पर्स यूनियन जिला कमेटी फरीदाबाद ने आज निर्देशक महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा पंचकूला के नाम 15 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास फरीदाबाद के कार्यालय अधीक्षक को सौंपा। यह जानकारी देते हुए सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि लंबे समय से आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर की मांगों व समस्याओं का विभाग के अधिकारी समाधान नहीं निकाल रहे हैं। जिसकी वजह से वर्करों में काफी नाराजगी व्याप्त है। आज ज्ञापन देते वक्त सीटू के जिला प्रधान निरन्तर पराशर, जिला वरिष्ठ उपप्रधान सुरेन्द्ररी, जिला कमेटी सदस्य बबिता शर्मा भी उपस्थित थी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के द्वारा सेंटरों पर कार्यरत वर्करों पर बगैर ईंधन के पोषाहार बनाने का दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने बताया कई दौर की वार्तालाप के बाद भी आंगनवाड़ी वर्कर्स के आंदोलन के दौरान उन पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं। साल 2021-22 की हड़ताल के दौरान का मानदेय 100 और 200 कटौती के साथ बकाया मानदेय का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। जो वर्कर बर्खास्त की गई थी। उनकी बहाली होने के बाद भी बकाया मानदेय जारी नहीं किया गया है। सरकार के द्वारा बाल वाटिका के नाम पर आंगनवाड़ी केन्द्रों को समाप्त किया जा रहा हैं। वर्करों पर बिना संसाधन के आनलाईन काम का दवाब बनाया जा रहा। आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया 6 महीनों से नहीं मिल रहा है। इसकी वजह से वर्करों को काफी परेशानी हो रही है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर रजिस्टर, अलमारी, कुर्सी, मेज, झाडू, पोंछा आदि सामान नहीं दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों का मानदेय समय पर नहीं दिया जा रहा है। सरकार आईसीडीएस का निजीकरण करने पर लगी हुई है। यूनियन की मांग है। कि निजीकरण पर रोक लगाई जाए। यूनियन ने विभाग में खाली पड़े पदों पर वर्कर हेल्पर की भर्ती की मांग की है। लेकिन सरकार पर कोई रुचि नहीं ले रही है। केंद्र सरकार के द्वारा पीएमएमवीवाई के मेहनताने का 2020 के बाद भुगतान नहीं किया गया है। वर्करों को वर्दी की राशि बहुत कम मिल रही है। जबकि 2000 प्रति माह के हिसाब से देने पर सहमति बनी थी। यूनियन फ्लेक्सी फंड लागू करने की मांग कर रही है। इसके अतिरिक्त ईंधन की राशि बढ़ाई जाए या विभाग द्वारा सिलेंडर भरवा कर दिया जाए जब तक ईंधन की व्यवस्था नहीं होती है। तब तक कच्चा राशन बांटने का प्रावधान किया जाए। क्योंकि वर्करों को ईंधन के लिए विभाग से आर्थिक सहयोग नहीं मिल रहा है। इस काम को विभाग के अधिकारी वर्करों पर दबाव डालकर के करवाना चाहते हैं। वर्कर अपनी पॉकेट से कब तक धनराशि लगाएगा। इसकी कोई सीमा होनी चाहिए। इसलिए वर्करों ने पक्का राशन वितरित करने में असमर्थता व्यक्त की है।
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