जेसी बोस विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी।

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फरीदाबाद, 7 अप्रैल (अरुण शर्मा)। सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पहचान पत्र प्रदान करने, सेवानिवृत्त के लाभ देने एवं ईएसआई कार्ड बनाने सहित अन्य मांगों को लेकर आज शुक्रवार को जेसी बोस विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विश्वविद्यालय के मिल कमेटी के सदस्यों ने एक गेट मीटिंग का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता प्रधान लेखराज ने की जबकि संचालन सचिव रणजीत माझी ने किया। इस अवसर पर सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल, जिला सह सचिव वीरेंद्र पाल ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान विजय शर्मा और श्री गौड़ विशेष रूप से मौजूद रहे।
उपस्थित कर्मियों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कच्चे कर्मचारियों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि निर्माणाधीन गल्र्स हॉस्टल से सामान को उतारने और चढ़ाने का काम सफाई कर्मचारियों से जबरन करवाया जा रहा है। जबकि यह कार्य ठेकेदार को दिया गया है। ठेकेदार अपनी लेबर लगाने के बजाय विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचारियों से यह काम करवाना चाहता है। उन्होंने चेतावनी दी है। कि किसी भी सूरत में ठेकेदार के कार्य को सफाई कर्मचारियों से नहीं करवाने दिया जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कौशल विकास निगम के तहत कार्यरत सभी कर्मचारियों को आइडेंटी कार्ड प्रदान करने, बीमार होने पर चिकित्सा के लिए अस्पताल में दाखिल होने हेतु ईएसआई कार्ड बनाने, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को विश्वविद्यालय में नौकरी प्रदान करने, सेवानिवृत्त होने पर उन्हें ग्रेजुएटी, लीव.इन कैशमैट, पेंशन की सुविधा प्रदान करने की मांग की। उन्होंने बताया कि वर्षों तक विश्वविद्यालय में सफाई का कार्य सहित प्रयोगशालाओं, लाइब्रेरी, बाग बगीचों में माली का काम करने के बाद सेवानिवृत्त होने पर किसी भी प्रकार की सुविधा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं दी जाती है, जो जिस पद पर भर्ती होता है। उसी पद से रिटायर कर दिया जाता है और कोई लाभ नहीं मिलता है। पैशन देने का तो सवाल ही नहीं होता है। यह अजीब विडंबना है कि इस विश्वविद्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों को कोई भी अवकाश नहीं मिलता है। कच्चे कर्मियों को त्योहारों के अवकाश भी नहीं मिलते हैं। बीमार होने पर छुट्टी नहीं दी जाती है। कैजुअल लीव और पक्की छुट्टी भी नहीं मिलती है। सभी कर्मचारियों से काम की परफॉर्मेन्स मांगी जा रही है। जबकि सुविधाओं के सवाल पर विश्वविद्यालय प्रशासन चुप्पी साध जाता है। सफाई विश्वविद्यालय के प्रांगण के कार्यों को करने के अलावा अधिकारियों के घरों के अंदर भी काम लिया जाता है। जो नियमानुसार अनुचित है। आज की गेट मीटिंग को ज्वाइंट एक्शन कमिटी के प्रधान विजय शर्मा और श्री गौड़ ने भी संबोधित किया।
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