नियमानुसार स्कूलों में सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें ही लगाई जाएं – हरियाणा अभिभावक एकता मंच
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फरीदाबाद, 6 अप्रैल (अरुण शर्मा)। प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा अपने स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों की जगह महंगी व गैर जरूरी लगाई जा रही प्राइवेट प्रकाशकों की किताबों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक और हरियाणा अभिभावक एकता मंच इसके विरोध में लगातार आवाज उठा रहा है तो वहीं अब समाचार पत्रों, सोशल मीडिया व टीवी चैनल में भी इस मुद्दे पर खबरें प्रकाशित हो रही हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी अपनी कुंभकरणी नींद से जागा है। 4 अप्रैल को जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी स्कूल संचालकों को एक निर्देश पत्र जारी करके कहा है कि स्कूल संचालक अपने स्कूल के अंदर खुली दुकानों से या बाहर से किताब कॉपी वर्दी आदि खरीदने के लिए मजबूर ना करें।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने जिला शिक्षा अधिकारी के इस पत्र को कागजी बताते हुए इसे स्कूल संचालकों के हित में ही बताया है। मंच ने इस पत्र की भाषा शैली पर विरोध जताते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर पूछा है कि अपने पत्र में उन्होंने स्कूल संचालकों को यह निर्देश क्यों नहीं दिए कि नियमानुसार अपनी स्कूलों में सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें ही लगाई जाएं। प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें ना लगाई जायें। मंच के लीगल एडवाइजर एडवोकेट बी एस विरदी ने कहा है कि मंच की ओर से जब जिला शिक्षा अधिकारी से ऐसा ना लिखने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय को शिक्षा निदेशक पंचकूला की ओर से स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें ही लगाई जाएं ऐसे आदेश नहीं आए हैं।
इस बारे में मंच के प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा का कहना है मंच ने 10 मार्च व 23 मार्च को जिला शिक्षा अधिकारी को दो पत्र भेजे हैं उनके साथ शिक्षा निदेशालय पंचकूला के दो पत्रों को संलग्न किया गया था। जिनमें साफ.साफ जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें ही लगें, प्राइवेट प्रकाशकों ना लगाई जायें। मंच का आरोप है कि इसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी का यह कहना कि उनके कार्यालय में इस विषय पर कोई पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। यह पूरी तरह से अपने अधिकारियों के आदेशों की अवमानना है। मंच की ओर से डीईओ को जो विरोध पत्र लिखा गया है उसकी प्रति मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री शिक्षा सचिव शिक्षा निदेशक को सूचनार्थ व आवश्यक कार्य हेतु भेजी गई है।
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