केन्द्रीय बजट में एमएसएमई को विशेष रियायतें दी जाये:– अनिल चौधरी
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फरीदाबाद, 30 जनवरी (अरुण शर्मा)। राष्ट्रीय स्तर पर एमएसएमई के हितों की रक्षा के लिए गठित आल इंडिया फोरम ऑफ एमएसएमई ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से आगामी केंद्रीय बजट में एमएसएमई के लिए विशेष रियायतें देने की मांग की है।
आल इंडिया फोरम ऑफ एमएसएमई के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि एमएसएमई उद्यम जो की कुल उद्यमों का 95 प्रतिशत से अधिक संख्या में है, इस आर्थिक मंदी एवं कोविड-19 के कारण अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे है। एआईएफओएम समय-समय पर भारत सरकार एवं राज्यों सरकारों से एमएसएमई के अनुकूल नीतियां बनाने के लिए मांग करती रही है। उन्होंने यह भी बताया कि एआईएफओएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम सुंदर कपूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर एमएसएमई के लिए केंद्रीय बजट-2023 में विशेष रियायतें देने का अनुरोध किया है।
श्याम सुंदर कपूर ने बताया कि उन्होंने सरकार से एमएसएमई के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना की तर्ज पर छूट देने का अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने लिखा है कि कोविड़-19 और उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण लगभग सभी एमएसएमई में प्रयोग होने वाले कच्चे माल विशेषकर स्टील एवं क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है जिससे उनकी उत्पादन लागत काफी हद तक बढ़ गयी है।
इस बारे बजट में कच्चे माल की कीमतों को नियंत्रित करने के प्रावधान किये जाएं। श्री कपूर ने यह भी अनुरोध कि है की सरकार सूक्ष्म उद्यमों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करें क्योंकि एमएसएमई में भी 95 प्रतिशत सूक्ष्म उद्यम ही आते है। उन्होंने आम जन के लिए दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुओं के लिए जीएसटी की दर कम करने, कर प्रणाली में एकरूपता लाने तथा 80 डी की सीमा बढ़ाने बारे में भी सरकार से अनुरोध किया है।
गौरतलब है किए आईएफओएम निरंतर एमएसएमई उद्यमों की भलाई एवं विकास के लिए प्रयासरत है तथा समय-समय एमएसएमई के लिए सेमीनार, कार्यशाला एवं प्रदर्शनी आदि आयोजित करती रहती है।
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