अग्रवाल महाविद्यालय में अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया।

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फरीदाबाद, 13 अक्टूबर (अरुण शर्मा)। अग्रवाल महाविद्यालय बल्लबगढ़ के प्रांगण में आज इतिहास विभाग द्वारा आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के निर्देशानुसार एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें महाराजा अग्रसैन महाविद्यालय दिल्ली के इतिहास विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज कुमार सिंह ने विषय विभिन्न युगों में दिल्ली, ऐतिहासिक एवं साहित्यिक परिप्रेक्ष्य में अपने विचार व्यक्त किये। यह व्याख्यान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. कृष्णकान्त गुप्ता के दिशा निर्देशन में हुआ। इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह व सहायक प्रवक्ता डॉ.सुप्रिया ढांडा ने मुख्य वक्ता को पौधा भेंट कर स्वागत किया। दीपशिखा प्रज्ज्वलित करने के उपरान्त मुख्य वक्ता डॉ.नीरज कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत के इतिहास में दिल्ली का इतिहास उतार.चढ़ाव से भरा है और विभिन्न स्मारकों, इमारतों के माध्यम से दिल्ली का इतिहास विभिन्न चरणों में विभाजित किया जा सकता है। डॉ. नीरज सिंह ने दिल्ली के इतिहास के अनेक तथ्यों एवं साक्ष्यों से विद्यार्थियों को परिचित कराया और बताया दिल्ली का इतिहास भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अंग्रेजी शासनकाल में दिल्ली पर 1803 ई0 में अधिकार कर लिया गया था लेकिन फिर भी उन्होंने कोलकात्ता को ही राजधानी बनाए रखा। दिल्ली में निर्मित विभिन्न राजवंशों, सुल्तानों द्वारा बनाए गए ऐतिहासिक इमारतों, स्मारकों पर प्रकाश डालते हुए उन्होने इतिहास में इसका स्थान बताया। अंत में विद्यार्थियों ने इस विषय से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जिनका मुख्य वक्ता ने संतोषजनक जवाब दिया। इस अवसर पर पुस्ताकालय अध्यक्ष डॉ. रामचन्द्र एवं बीए के इतिहास विषय के सभी विद्यार्थी मौजूद थे। मंच संचालन इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह ने किया। अंत में इतिहास विभाग की सहायक प्रवक्ता डॉ. सुप्रिया ढांडा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
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