रेलवे ने बुजुर्गों को टिकट में दी जाने वाली रियायत अब हमेशा के लिए कर दी खत्म।
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फरीदाबाद, 28 अगस्त (अरुण शर्मा)। रेलवे ने बुजुर्गों को टिकट में दी जाने वाली रियायत अब हमेशा के लिए खत्म कर दी है। हवाला ये दिया गया कि बुजुर्गों को दी जाने वाली इस सुविधा से रेलवे को अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा था। सरकार के इस निर्णय पर वरिष्ठ नागरिक व हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि सांसदों को अपनी पत्नी या पति के साथ फस्र्ट एसी में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्राप्त है। इसके अलावा पूर्व सांसद को भी ऐसी ही सुविधा अपनी पत्नी या पति के साथ सेकेंड एसी में और अकेले फस्र्ट एसी में प्राप्त होती है। सांसदों की ये सुविधा ना कोविड के दौरान बंद की गई और ना कोरोना के बाद। तो फिर बुजुर्गों को रेल टिकट में मिलने वाली छूट को बंद क्यों कर दिया है, कैलाश शर्मा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के उस बयान को हास्यास्पद बताया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना काल से पहले रेल टिकट में बुजुर्गों को दी जाने वाली छूट से रेलवे को काफी घाटा होता था। कैलाश शर्मा ने प्रेस के माध्यम से रेल मंत्री से पूछा है कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार पिछले पांच साल में सांसदों और पूर्व सांसदों की रेल यात्राओं पर सरकार ने 62 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 1917-18 से 1921-22 तक मौजूदा सांसदों की रेल यात्रा के लिए 35.21 करोड़ और पूर्व सांसदों की रेल यात्रा के लिए 26.82 करोड़ रुपए का बिल लोकसभा सचिवालय को रेलवे ने भेजा है। जिसका भुगतान सरकार ने रेलवे को किया है। अब ये सवाल उठता है कि सरकार के पास ये पैसा कहां से आता है और केंद्र सरकार के पास यह पैसा किसका है। कोरोना के दौरान बुजुर्गों को मिलने वाली छूट खत्म कर दी गई, लेकिन सांसदों, पूर्व सांसदों ने महामारी के साल 2020-21 में भी रेलवे के फ्री पास के जरिए 2.47 करोड़ की यात्रा की। सांसद भारी भरकम वेतन-भत्ता और पेंशन पाते हैं। उनके लिए छूट और बुजुर्गों को कोई रियायत नहीं, सरकार की ये पॉलिसी समझ से परे है। सरकार विज्ञापनों पर 911 करोड़ व प्रधानमंत्री के लिए नया हवाई जहाज खरीदने में 8400 खर्च कर सकती है लेकिन बुजुर्गों की रेल टिकट में छूट पर होने वाले घाटे को वहन नहीं कर सकती है। वरिष्ठ नागरिक एससी गोयल, मानव सेवा समिति महिला सेल की चेयरमैन उषाकिरण शर्मा, वरिष्ठ नागरिक व आरएसएस के स्वयंसेवक मदन लाल मोदी, ज्ञानदेव वत्स, जसवंत सिंह ने प्रधानमंत्री से पुन: अपील की है कि बूढ़े-बुजुर्ग तीर्थ यात्राएं व अन्य यात्राएं पहले की तरह ही करते रहें इसके लिए वरिष्ठ जनों के सम्मान में रेल टिकट में मिलती आ रही छूट को पुन: बहाल किया जाए।
मालूम हो कि 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को रेलवे किराया भाड़ा में 40 प्रतिशत और 58 साल से ऊपर की महिला को 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी जिसे कोविड के दौरान बंद कर दिया गया।
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