गुजरात में एक बार फिर करीब 713 किलोग्राम एमडी ड्रग किया बरामद।
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बड़ोदरा 16 अगस्त (अरुण शर्मा) गुजरात में एक बार फिर भारी मात्रा दो अलग-अलग जगहों से करीब 713 किलोग्राम मेफेड्रोन, जिसे एमडी ड्रग भी कहा जाता है, बरामद किया गया है। इन ड्रग की कीमत 2000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। गुजरात एटीएस ने वडोदरा से तथा मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल ने भरूच के अंकलेश्वर से ड्रग्स के भारी जखीरे की बरामदगी की है। ये ड्रग्स अक्सर रेव पार्टियों में इस्तेमाल की जाती हैं।
वडोदरा में जिस फैक्ट्री से प्रतिबंधित एमडी ड्रग्स पकड़ी गई है, वहां इसे अवैध रूप से बनाया जा रहा था। एटीएस ने मोक्षी गांव में इस फैक्ट्री से बरामद 200 किलो ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1000 करोड़ रुपए के करीब बताई गई है। एटीएस के DIG दीपेन भद्रन के अनुसार जब्त की गई ड्रग्स करीब 6 महीने पहले तैयार की गई थी। इस बात की पूरी संभावना है कि एक बार में ही काफी मात्रा में ड्रग्स तैयार की गई हो, जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई कर दिया गया हो।
उधर मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल ने गुजरात के ही भरूच जिले में अंकलेश्वर से 513 किलो एमडी ड्रग बरामद की है। नारकोटिक्स सेल की वर्ली ब्रांच ने इस मामले में एक महिला समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बरामद की गई ड्रग की कीमत 1026 करोड़ बताई है। पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए सभी लोग एक गिरोह का हिस्सा हैं। इनसे पूछताछ कर ड्रग की सप्लाई चेन के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
दीपेन भद्रन के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि ड्रग्स की सप्लाई गोवा और मुंबई की जा रही थी। ATS को शक है कि यहां से देश के दूसरे हिस्सों में भी ड्रग्स भेजी गई है। इस रैकेट में शामिल लोगों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।
सूंघकर और पानी में ली जाती है मेफेड्रोन पार्टी ड्रग्स?
मिथाइलीनन डाइऑक्सी मेथैमफेटामाइन और मेफेड्रोन को कई नामों से बेचा जाता है। लगभग हर देश में इसके कोड नेम हैं। इस ड्रग्स को सूंघकर और पानी में मिलाकर भी लिया जाता है। नशे के बाजार में इस तरह की एक ग्राम ड्रग की कीमत एक हजार से 25000 रुपए तक है। नशा करने वालों के बीच इसके और भी कोड नेम हैं। इसे लेने के बाद दिमाग में नशा चढ़ता है। मदहोशी आती है। ज्यादा मात्रा में एक साथ लेने पर यह जान के लिए खतरा तक बन सकती है।
म्याऊं-म्याऊं ड्रग’ भी कहलाती है ये ड्रग ।
मेफेड्रोन को आमतौर पर ‘म्याऊं-म्याऊं’ के नाम से जाना जाता है। रेव पार्टियों में नशे के लिए इसका इस्तेमाल होता है। म्याऊं-म्याऊं का नाइजीरिया और अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। पार्टी ड्रग्स के तौर पर इसका भारत में भी इस्तेमाल होने के मामले सामने आ चुके हैं। रेव पार्टी में पहले LSD यानी लिसर्जिक एसिड डायइथाइलअमाइड का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन ड्रग्स के लिए कड़े कानून बनने के बाद MDMA और मेफेड्रोन का नशा ज्यादा प्रचलित है।
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