एनआईटी की क्राइम ब्रांच को नकली सोने के सिक्के देकर ठगी करने वाले पन्नालाल और उसके परिवार वालों से कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।

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फरीदाबाद, 31 जुलाई (अरुण शर्मा)। जिले के दो डॉक्टरों को नकली सोने के सिक्के देकर 80 लाख रुपये ठगने वाले पन्नालाल, उसकी पत्नी व तीन बेटों से क्राइम ब्रांच एनआइटी को कई चौंकाने वाली बातें पता चली हैं। पांचों जेल में हैं। क्राइम ब्रांच प्रभारी नरेंद्र शर्मा के अनुसार नकली सोने के सिक्कों को असली बताकर डॉक्टरों से ठगी करना इस परिवार की तीन पीढिय़ों से चल रहा है।
पहली बार अपने गृह क्षेत्र फरीदाबाद में की ठगी
गंगाराम ने बेटे पन्नालाल को सिखाया था, जहां रहो उसके आस-पास ठगी मत करो, दूर जाकर करो। अब तक पन्नालाल इस बात को मानता था। पिछले दिनों उसकी बहन की मौत हो गई थी, इसलिए वह बाहर ठगी करने नहीं जा सका। रुपये भी खत्म हो गए थे, इसलिए उसने पहली बार अपने गृह क्षेत्र फरीदाबाद में ही ठगी कर ली। पहली बार में ही पूरा परिवार पकड़ा गया।
ठगी के लिए मुंबई जाता था पन्नालाल का पिता
पहले पन्नालाल का पिता गंगाराम ठगी करता था। वह ठगी के लिए मुंबई जाता था। उसने पन्नालाल को ठगी करना सिखाया। पन्नालाल ने अपने बेटों धर्मेन्द्र, राजन और नितिन को भी ठगी करना सिखा दिया। नकली सोने के सिक्के या ईंट दिखाकर ठगी का तरीका नूंह में बहुत प्रचलित है। कई गिरोह इसमें संलिप्त हैं। गिरोह ठगी के इस तरीके को टटलू काटना कहते हैं। इसलिए बनाते थे डॉक्टरों को निशाना।
यह गिरोह केवल डॉक्टरों को निशाना बनाता था
इनका मानना है कि डॉक्टरों के पास काफी रुपये होते हैं। पूरा दिन वे क्लीनिक पर बैठते हैं। इसलिए लोगों से मिलने और दुनियादारी की बातों के लिए उनके पास समय नहीं होता। अखबारों में ठगी की खबरें भी वे नहीं पढ़ पाते। इस कारण वे आसानी से ठगी में जाते हैं।
20 साल में दो बार पकड़ा गया
पन्नालाल खुद 20 साल से ठगी कर रहा है। अब तक वह केवल दो बार भोपाल और दिल्ली में पकड़ा गया। दोनों बार पर्याप्त सबूत न होने के कारण अदालत से बरी हो गया।
कई शहरों में दे चुका है ठगी को अंजाम
पन्नालाल ने क्राइम ब्रांच को हैदराबाद, बेंगलूरू, लखनऊ, राजस्थान, बिहार आदि जगहों पर ठगी करने की बात बताई है। वहां की पुलिस को क्राइम ब्रांच ने सूचित कर दिया है। क्राइम ब्रांच एनआइटी प्रभारी नरेंद्र शर्मा का कहना है कि उन्होंने नकली सोने के सिक्के बनाने वाली मशीन व सुनार भी गिरफ्तार किया है। इस बार पर्याप्त सबूत हैं। इस परिवार को सजा जरूर होगी।
सुनार भी दो पीढिय़ों से बना रहा है सिक्के
क्राइम ब्रांच ने नकली सोने के सिक्के बनाने वाले आगरा के सुनार अर्पित श्रीवास्तव को भी पकड़ा है। अर्पित का पिता पहले गंगाराम और पन्नालाल को सिक्के बनाकर देता था। पिता की मृत्यु के बाद अब अर्पित यह काम करने लगा। ये सिक्के पीतल से बनाकर इनके ऊपर सोने का पानी चढ़ा दिया जाता है। इससे ये असली जैसे लगते हैं।आरोपी ठगी से मिले रुपयों का एक भाग से सोने के असली सिक्के बनवाते हैं। जिस भी डाक्टर को ठगना होता है, उसे ये बताते हैं कि उनके पुरखों को खोदाई में सोने के सिक्के मिले थे। डाक्टर पर विश्वास जमाने के लिए उसे सोने के कुछ असली सिक्के देते थे। सुनार जब उनकी जांच कराता था, तो वे असली मिलते थे। इससे डाक्टर झांसे में आ जाते थे।
घर की कीमत है तीन से चार करोड़ रुपये
ठगों का यह परिवार बेहद आलीशान और अय्याशी की जिंदगी जीता है। एक बार ठगी करने के बाद ये खूब अच्छा खाते-पीते हैं। घूमते हैं, अय्याशी करते हैं। रुपये खत्म होने के बाद फिर ठगी करने निकल जाते हैं।
ऊंचा गांव में इनके घर की कीमत तीन से चार करोड़ रुपये है। घर के हर कमरे में एसी लगा हुआ है। पूरा घर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। पुलिस से बचने के लिए घर में चोर रास्ता भी बनाया हुआ है।
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