नगर निगम में 200 करोड़ घोटाले में जेई को अदालत से नहीं मिली राहत !
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फरीदाबाद
200 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में विजिलेंस थाने में दर्ज मुकदमे में नामजद नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता (जेई) दीपक कुमार को अदालत से राहत नहीं मिली है। दीपक कुमार ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. पंकज की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी। अदालत ने आरोपित को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। आरोपित की तरफ से पेश वकील ने अदालत से कहा कि दीपक कुमार को इस मुकदमे में गलत फंसाया गया है। जब यह मामला हुआ तब आरोपित जेई के सहायक के तौर पर कार्यरत था। वकील ने कहा कि दीपक कुमार को न तो रुपये का भुगतान करने की शक्ति थी, न ही कार्यो के सत्यापन की। इसके साथ ही उन्होंने मेजरमेंट बुक के गायब होने की बात भी अदालत को बताई। साथ ही मुख्य आरोपित मुख्य अभियंता रमन को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने की बात भी अदालत को बताई। विजिलेंस की तरफ से डीएसपी पार्थ सारथी ने इसके जवाब में अदालत को बताया कि ठेकेदार सतवीर को कार्य आवंटित किए जाने के कागजों और बिलों पर जेई दीपक कुमार के हस्ताक्षर और स्टैंप है। उन्होंने ये बिल और कागज अदालत को दिखाए। विजिलेंस ने अदालत को कई ऐसे कागज भी दिखाए, जिनसे साबित होता है कि आरोपित ने सही तथ्यों को परखे बिना हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने जेई को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया।
व्यूरो चीफ अरुण शर्मा की कलम से !
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