S.D.M. का बेतुका बयान , फसल बेचने के लिये लेकर आओ भगवान का आधार कार्ड !
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उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में एक अधिकारी ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जो जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. एसडीएम अतर्रा सौरभ शुक्ला ने कहा है कि मठ और मंदिर की जमीनों में हुई फसलों को बेचने के लिए भगवान का आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा. मामला बड़ा ही पेंचीदा है. जो लोग इस फरमान को सुन रहे हैं वह भी हैरान हो रहे हैं कि आखिरकार भगवान का आधार कैसे बनेगा? फिंगरप्रिंट कैसे मिलेंगे और आई कांटेक्ट कैसे लिया जाएगा. आधार में ये दोनों चीज अनिवार्य है. ऐसे में भला अब भगवान का आधार बने भी तो कैसे बने।
एसडीएम अतर्रा सौरभ शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हां यह नियम उन्होंने ही लागू किया है और यह नियम लागू रहेगा. अपना पक्ष रखने के लिए उनसे कहा गया तो वे बात को घुमाते फिराते नजर आए।
बता दें पूरा मामला अतर्रा तहसील के खुरहड गांव का है, जिसमें मठ-मंदिर में रहने वाले साधु-संतों को मंदिर की देखरेख, रंगाई, पुताई, साफ-सफाई व प्रसाद अन्य अन्य तमाम खर्चों को देखते हुए गांव के लोगों ने कुछ जमीने मंदिर में बैठे भगवानों के नाम कर दी है लेकिन संरक्षक मंदिर के पुजारी को बनाया गया है. मतलब यह है कि इन मंदिरों में भगवान नबालिग हैं और उनके संरक्षक वहां के साधु-संत हैं. संरक्षक का दायित्व निभाते हुए उस जमीन, मकान और खेती का जिम्मेदार होता है और कभी भी किसी भी वक्त उसके जमीन के अधिकार का प्रयोग हर जगह कर सकता है।
बांदा जनपद में लगभग 50 मंदिर है और मठ है जैसे श्री राधा कृष्ण मंदिर, हनुमान मंदिर, रामसीता मंदिर व अन्य देवियों के मंदिर हैं जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने हुए हैं. इन मंदिरों में पूजा पाठ करने वाले साधु संत पुजारी उस जमीन में खेती-बाड़ी करके अपने लिए खाने को अनाज पैदा करते हैं और जो बची हुई फसल होती है उसको मंडी में सही दामों पर बेचकर उसी पैसे से मंदिर का विकास औरअन्य कार्य करते हैं. अतर्रा तहसील के गिरवां थाना क्षेत्र के खुरहड गांव के रहने वाले एक पुजारी रामचंद्र महाराज मंडी फसल बेचने के लिए पहुंचे तो उनकी फसल लेने से अधिकारियों ने मना कर दिया और बताया कि एसडीएम अतर्रा सौरभ कुमार शुक्ला का आदेश है कि बिना आधार कार्ड के किसी भी व्यक्ति की फसल नहीं खरीदी जाएगी. जिसके बाद रामचंद्र महाराज को यह बात हजम नहीं हुई और मंदिर के पुजारी एसडीएम साहब के ऑफिस पहुंच गए. एसडीएम साहब फिर वही बात दोहराते हुए कहा कि भगवान हो चाहे या फिर इंसान अगर फसल बेचनी है तो आधार कार्ड लाना जरूरी होगा।
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