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केन्द्र का whatsapp को जबाब-निजता का सम्मान,लेकिन गंभीर मामलों की देनी ही होगी जानकारी !

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केंद्र सरकार नए डिजिटल नियमों को लेकर सख्‍त रुख अपना रही है. इसी कड़ी में केंद्र ने ने बड़े सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स से नए नियमों के अनुपालन की स्‍टेटस रिपोर्ट तत्‍काल सौंपने को कहा है. इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड आईटी मिनिस्‍ट्री ने प्रमुख सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स को भेजे पत्र में कहा है कि नए नियम के अमल में आने के बाद उन्हें अतिरिक्त जांच-परख को लेकर कदम उठाने होंगे. मंत्रालय ने मुख्य अनुपालन अधिकारी, भारत में रहने वाले शिकायत अधिकारी और संपर्क के लिये नोडल अधिकारी के बारे में पूरी जानकारी व संपर्क सूचना देने को कहा है. नए नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को इन अधिकारियों को नियुक्त करना होगा।

मंत्रालय ने कहा कि बड़े सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स अपनी मूल कंपनी या किसी अन्य सहायक कंपनी के जरिये भारत में सेवाएं देते हैं. इनमें से कुछ आईटी अधिनियम और नए नियमों के तहत महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं. ऐसे में इन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स ऐप का नाम, वेबसाइट और सर्विसेस जैसी डिटेल्‍स के अलाव 3 प्रमुख कर्मियों के ब्‍योरे के साथ भारत में प्‍लेटफॉर्म का फिजिकल एड्रेस मुहैया कराएं. पत्र में कहा गया है कि अगर आपको एसएसएमआई नहीं माना जाता है तो हर सेवा पर रजिस्‍टर्ड यूजर्स की संख्या समेत इसके कारण की जानकारी दी जाए।

केंद्र ने कहा है कि इन नियमों और आईटी अधिनियम के तहत सरकार किसी भी अतिरिक्त जानकारी की मांग करने का अधिकार सुरक्षित रखती है. मंत्रालय ने बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे जल्द से जल्द और हो सके तो आज ही सभी जानकारियां उपलब्ध कराएं. इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी. इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति शामिल है।

वहीं केंद्र सरकार ने तल्‍ख टिप्‍पणी करते हुए ट्वीट किया कि एक तरफ व्‍हाट्सऐप अपने यूजर्स के लिए ऐसी प्राइवेसी पॉलिसी को अनिवार्य करने पर अड़ा है, जिसके तहत वो उनकी निजी जानकारियां अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक के साथ साझा कर सके. वहीं, दूसरी तरफ कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखने और फेक न्‍यूज पर अंकुश लगाने के लिए लाई गईं भारत सरकार की इंटरमीडियरी गाइडलाइंस को लागू करने से इनकार कर रहा है. केंद्र सरकार ने कहा कि हमारा यूजर्स की निजता का उल्‍लंघन करने का कोई इरादा नहीं है. हम निजता का पूरा सम्मान करते है लेकिन गंभीर मामलों की जानकारी देनी ही होगी।

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