शादी के लिये पिता को न होना पड़े कर्जदार, इसलिये फंदे से झूली बेटी ! – Republic Hindustan News

Republic Hindustan News

Latest Online Breaking News

शादी के लिये पिता को न होना पड़े कर्जदार, इसलिये फंदे से झूली बेटी !

😊 Please Share This News 😊

 

स्नातक बेटी के लिए पिता खोज रहे थे रिश्ता, पिता की दशा न देखी गई तो दे दी जान।
घरवालों ने बताया कि श्रीराम अपनी लाचारी पर परेशान रहते थे। रंगोली यह नहीं देख पाई और शनिवार की सुबह वह घर से शौच जाने की बात कहकर निकली थी। उसका शव गांव के बाहर पेड़ में फंदे से लटकता मिला।

हरदोई— बेटियां बोझ नहीं हैं। अपनी जान से भी ज्यादा माता-पिता को चाहती हैं। अतरौली थाना क्षेत्र में तो एक बेटी ने शादी के लिए पिता को कर्ज लेना न पड़े यही सोचकर जान दे दी। सुसाइड नोट में वह पिता की गरीबी और अपनी बदकिस्मती को लिखकर खुद फंदे पर झूल गई। शन‍िवार को उसका शव गांव के बाहर पेड़ में फंदे से लटकता मिला।

अतरौली क्षेत्र के ग्राम जगसरा निवासी रंगोली चार बहनों में तीसरे नंबर की थी। पिता श्रीराम मेहनत मजदूरी करते हैं और दो बेटियों की शादी कर चुके हैं। तीसरे बेटी रंगोली स्नातक थी, पिता उसकी शादी के लिए कोई अच्छा का रिश्ता खोज रहे थे, लेकिन उनके पास दहेज के लिए रुपये नहीं थे। जैसा कि घरवालों ने बताया कि श्रीराम अपनी लाचारी पर परेशान रहते थे। रंगोली यह नहीं देख पाई और शनिवार की सुबह वह घर से शौच जाने की बात कहकर निकली थी।

श्रीराम ने बताया कि काफी देर तक जब वह वापस नहीं आई तो उसकी तलाश की। उसका शव गांव के बाहर पेड़ में फंदे से लटकता मिला। रंगोली के पास एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उसने लिखा था कि पापा बहुत गरीब हैं और मेरी शादी के लिए कर्ज ले रहे हैं। अभी मेरी शादी फिर छोटी बहन की शादी के लिए कर्ज लेंगे, जिससे पापा कर्ज में डूब जाएंगे। मैं पापा को कमा के नहीं खिला पा रही हूं। मेरे पांच भाई-बहन हैं, इसलिए मैं अपनी जान दे रही हूं। थाना प्रभारी संजीव शर्मा ने बताया कि पिता की तरफ से पोस्टमार्टम कराया गया है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]

लाइव कैलेंडर

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
error: Content is protected !!