हरियाणा सरकार बिल्डरों पर नकेल कसने की तैयारी में, सरकार उन्हें ब्लैक लिस्ट कर उनके लाइसेंस कर सकती है रद्द।

😊 Please Share This News 😊
|

चंडीगढ़ , 21 अगस्त (अरुण शर्मा) : हरियाणा सरकार अब उन बिल्डरों पर नकेल कसने की तैयारी में है, जो लोगों का पैसा लेकर सालों तक उन्हें फ्लैट , मकान या प्रॉपर्टी नहीं देते और लोग लाखों करोड़ों रुपये देकर बिल्डरों के चक्कर लगाते रहते हैं। ऐसे बिल्डरों को सरकार ने नोटिस देने आरम्भ कर दिए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकार उन्हें ब्लैक लिस्टेड करते हुए उनके लाइसेंस रद्द कर सकती है। इसकी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
हरियाणा में अभी तक 21 बिल्डरों और डेवलपर्स के लाइसेंस रद किए जा चुके हैं, जबकि 13 बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। हरियाणा सरकार ने जिन बिल्डरों के लाइसेंस रद किए और जिनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है, वह अधिकतर गुरुग्राम के हैं। प्रदेश में रियल एस्टेट का सबसे ज्यादा काम गुरुग्राम में होता है। सबसे अधिक राजस्व सरकार को गुरुग्राम और फरीदाबाद से मिलता है।
क्षेत्रीय कार्यालयों के स्तर पर कालोनाइजरों, थर्ड पार्टी, मालिकों और आवंटियों को भी कुछ नोटिस जारी किए गए हैं। इसका विस्तृत ब्योरा इकट्ठा किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने जो 21 लाइसेंस रद किए हैं, उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हास्पिटेलिटी और समालखा के कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौकर के बेटे की कंपनी माहिरा इन्फोटेक शामिल हैं।
प्रदेश सरकार के पास तमाम ऐसी शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें बिल्डर ग्राहकों से किए गए वादे को पूरा नहीं करते। अधिकतर समस्या समय पर फ्लैट तैयार कर नहीं दे पाने की है। हालांकि ऐसा करने पर पेनल्टी देने का प्रविधान है, लेकिन बिल्डर अक्सर फ्लैट खरीददारों के प्रति उग्र रहते हैं।
कई साइट ऐसी हैं, जहां सुविधाओं का कोई ख्याल नहीं रखा जाता। ऐसे केस भी सामने आए हैं, जिनमें बिल्डर सरकार को किए जाने वाले ईडीसी-आइडीसी के भुगतान समय पर नहीं करते, जिसका खामियाजा फ्लैटधारकों को भुगतान पड़ता है।
हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन के चेयरमैन राकेश दौलताबाद ने बिल्डरों की मनमानी के संबंध में एक सवाल विधानसभा के मानसून सत्र में लगाया है, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से जानकारी दी गई कि सरकार फ्लैटधारकों के हितों की अनदेखी करने वाले तथा नियमों का अनुपालन नहीं करने वाले डेवलपर्स के प्रति कार्रवाई अमल में लाएगी।
बताया जाता है कि कई बिल्डर पंडित दीनदयाल आवास योजना के तहत गरीबों को फ्लैट नहीं देते, जबकि वह सरकार से तमाम सुविधाएं प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे बिल्डरों व डेवलपर्स को चिन्हित किया जा रहा है। राज्य सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि यदि इस योजना में वास्तविक गरीबों को लाभ नहीं दिया जा रहा और सिर्फ बिल्डर या डेवलपर्स ही लाभान्वित हो रहे हैं तो इस योजना को बंद कर दिया जाए।
हरियाणा सरकार की ओर से विधानसभा में बताया गया कि अनाधिकृत कालोनियों की स्थापना के खिलाफ हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्र नियमन अधिनियम के तहत कालोनाइजरों को नोटिस देने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें |