राष्ट्रीय ध्वज के अभिकल्पक पिंगली वैकेया की जयंती मनाई गई।
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फरीदाबाद, 3 अगस्त (अरुण शर्मा)। हरियाणा पंजाबी संस्कृति संघ की बैठक अश्वनी कालड़ा के एनआईटी 1 नम्बर कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष हरीश चन्द्र आजाद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस मौके पर आजादी के शहजादे संस्था ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज के अभिकल्पक पिंगली वैकेया की जयंती राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतू लाम्बा की अध्यक्षता में मनाई गई।
आजादी के शहजादे संस्था के राष्ट्रीय संयोजक हरीश चन्द्र आजाद ने कहा कि पिंगली वैकेया तिरंगे के जनक तो थे ही उसके साथ वह सच्चे देशभक्त एवं वैज्ञानिक भी थे। उन्होंने भारतीय ध्वज बनाने के लिये 1916 से 1921 तक विभिन्न देशों के झंडों के अध्ययन में अपने आप को समर्पित कर दिया। उसके बाद राष्ट्रीय ध्वज विकसित हुआ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतू लाम्बा ने कहा कि पिगंली वैकेया ने गांधी जी के आगे भारत के खुद के राष्ट्रीय ध्वज के होने की आवश्यकता पर बल दिया जो गांधी जी को बहुत पंसद आया और उन्होंने पिंगली को राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप तैयार करने को कहा। उनके पांच वर्ष बाद उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को तैयार किया।
इस मौके पर हरियाणा पंजाबी संस्कृति संघ के महासचिव तेजिन्द्र खरबंदा ने कहा कि पिंगली ने पहला ध्वज केसरी और हरे रंग का बनाया, लेकिन गांधी जी के कहने पर शांति का प्रतीक सफेद रंग भी झंडे में रखा गया। तब भारतीय ध्वज तिरंगे का स्वरूप तैयार हुआ।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष अश्वनी कालड़ा ने कहा कि आजादी के शहजादे संस्था देश के सभी स्वतंत्रता सैनानियों को नमन करते हुए देश की आजादी के शहीदों की याद प्रत्येक दिल में जीवित रखने का कार्य कर रही है।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष हरीश चन्द्र आजाद, महासचिव तेजिन्द्र खरबंदा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अश्वनी कालड़ा, प्रदेश कोषाध्यक्ष व सचिव नीतू लाम्बा, सचिव अमित कपूर, सह सचिव रजत लाम्बा, युवा उपाध्यक्ष प्रिंस रहेजा, गुलशन गोगिया, गौरव कालड़ा और विजय कुमार उपस्थित थे।
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