आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा जिला कमेटी फरीदाबाद ने बुधवार को सिविल सर्जन फरीदाबाद के कार्यालय के सामने दिया धरना ! – Republic Hindustan News

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आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा जिला कमेटी फरीदाबाद ने बुधवार को सिविल सर्जन फरीदाबाद के कार्यालय के सामने दिया धरना !

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फरीदाबाद, 29 जून (अरुण शर्मा )। आशा वर्कर यूनियन हरियाणा जिला कमेटी फरीदाबाद ने सरकार द्वारा उनकी मांगों पर किए गए समझौते और घोषणा को लागू नहीं करने के विरोध में आज बुधवार को सिविल सर्जन फरीदाबाद के कार्यालय के सम्मुख जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के फौरन बाद मांगों को लागू करने के लिए अनिल विज स्वास्थ्य मंत्री और मिशन डायरेक्टर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंचकूला के नाम अलग-अलग ज्ञापन मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपे गए। यह जानकारी सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने दी। आज के प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान हेमलता ने की, जबकि कार्रवाई का संचालन जिला सचिव सुधा पाल कर रही थी। कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि 14 दिसंबर 2021 और 3 फरवरी 2022 को दो बार प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के साथ आशा वर्कर यूनियन के प्रतिनिधि मंडल की बैठक हुई थी। जिसमें कई मांगों पर समझौता हुआ। इसमें कुछ मांगों को लागू करने पर सहमति बनी थी। लेकिन सरकार द्वारा स्वीकृत मांगों को लागू करने का नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं किया गया। सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री खट्टर के द्वारा कोरोना महामारी में काम करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स को एकमुश्त पांच हजार रुपए की राशि देने की घोषणा की गई थी। इस राशि का भुगतान अभी तक आशा वर्कर्स को नहीं किया गया है। सरकार ने यदि 21 जुलाई तक मानी गई मांगों को लागू  नहीं किया तो 22 जुलाई को प्रदेश की सभी आशा वर्कर स्वास्थ्य मंत्री के आवास पर प्रदर्शन करेंगे। जिला प्रधान हेमलता और सचिव सुधा पाल ने बताया कि आशा वर्करों पर जिला प्रशासन के द्वारा अलग-अलग कार्यों को करने के लिए दबाव बनाया कर उनको प्रताड़ित किया जाता है। काम से हटाए जाने की धमकियां दी जा रही हैं। सभी जिलों में आशा वर्करों से अलग-अलग ऑनलाइन ऐप डाउनलोड कराने का दबाव बनाया जा रहा है। कई तरह के ऑनलाइन सर्वे का कार्य करने के लिए विभाग द्वारा आशाओं को परेशान किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आशा वर्करों से टीवी की बीमारी का सर्वे करके लानाए विधवाए विकलांग पेंशन का ऑनलाइन सर्वे करने, फैमिली प्लानिंग का ऑनलाइन सर्विस करने, कोविड-19 के डोर टू डोर टीकाकरण प्रोग्राम को सफल बनाने का दबाव सहित अनेक प्रकार के कार्य करने के लिए आशा वर्करों पर दबाव डाला जाता है। इसके कारण आशा वर्करों को बड़े पैमाने पर समस्याएं का सामना करना पड़ रहा है। कार्यों की अधिकता के कारण आशा वर्कर मानसिक रूप से परेशान हो रही हैं। इन सभी कार्यों को करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा आशाओं को किसी प्रकार का मानदेय नहीं दिया जा रहा है। सरकार द्वारा आशा वर्कर को दिए गए मोबाइल खराब हो चुके हैं। या गांव  में टावर की समस्या रहती है। मोबाइल फोन के दिए जाने के आधार पर विभाग ऑनलाइन काम लेने की योजना बना रहा है।  ऑनलाइन काम करना टेक्निकल प्रक्रिया का हिस्सा है। इसलिए यह कार्य आशा वर्कर से नहीं करवाया जाना चाहिए। रिकॉर्ड चेक करने के नाम पर आशा वर्कर को प्रताडि़त किया जाता है। जो आशाओं की नियमित गतिविधियों को भी प्रभावित करता है। सरकार की इस तरह की दोहरी कार्यप्रणाली से आशा वर्करों में भारी निराशा और गुस्सा व्याप्त है।
आज के प्रदर्शन को सीटू के जिला प्रधान निरन्तर पाराशर, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के राज्य प्रधान देवी राम, जिला सचिव दिनेश पाली, आशा वर्कर यूनियन की कोषाध्यक्ष नीलम जोशी, पूजा गुप्ता, पूजा राठौर, सुशीला चौधरी, आदि ने भी संबोधित किया।

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